alt="" width="600" height="400" /> पुराने और जर्जर खंभों पर जताई चिंता, जल्द बदलाव की मांग मुखिया अनीता मुर्मू ने बताया कि गांव में वर्षों पुराने बिजली के खंभे अभी भी लगे हुए हैं, जो मामूली तूफान में भी गिरने की स्थिति में हैं. उन्होंने याद दिलाया कि करीब 15 साल पहले गांव के एक 13 वर्षीय बालक, रेघु सरदार की मौत सड़क पर खंभा गिरने से हुई थी. उन्होंने कहा कि विभागीय लापरवाही से अब तक कई मवेशी भी अपनी जान गंवा चुके हैं. अनीता मुर्मू ने जमशेदपुर विद्युत प्रमंडल से जर्जर पोल और तारों को अविलंब बदलने की मांग की है, साथ ही आगाह किया कि यदि लापरवाही जारी रही तो अगली दुर्घटना की पूरी जिम्मेदारी विभाग की होगी. क्षति का आकलन करने पहुंचे अंचल कर्मी पोटका प्रखंड कार्यालय की ओर से अंचल कर्मी संजय महतो ने मौके पर पहुंचकर तीनों प्रभावित घरों (दिगंबर हांसदा, भूटी सरदार और गिडू सरदार) की स्थिति का निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिसे पोटका अंचलाधिकारी निकिता बाला को सौंपा जाएगा, ताकि क्षतिपूर्ति की प्रक्रिया जल्द शुरू की जा सके.
alt="" width="600" height="400" /> 24 घंटे से अंधेरे में दो पंचायतें, बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप तूफान के बाद नरवा पहाड़ क्षेत्र की दो पंचायतें हाड़तोपा और डोमजूडी में 24 घंटे से अंधेरा छाया हुआ है. करीब 12 हजार की आबादी भीषण गर्मी और अंधेरे में दिन गुजारने को मजबूर है. जिला परिषद सदस्य हिरण्यमय दास ने बिजली विभाग की सुस्ती पर सवाल उठाए और बताया कि इन क्षेत्रों को फिलहाल करनडीह ग्रिड से बिजली आपूर्ति होती है, जो लंबी दूरी पर स्थित है और बार-बार बाधित होती रहती है. उन्होंने इन पंचायतों को निकटवर्ती बांधडीह ग्रिड से जोड़ने की मांग की ताकि भविष्य में इस तरह की परेशानियों से राहत मिल सके.
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