Ranchi : जैन धर्म का दसलक्षण महापर्व गुरुवार से श्रद्धा भाव के साथ शुरू हुआ. 10 दिनों तक चलने वाले इस पर्व की शुरुआत ‘उत्तम क्षमा’ से हुई. पर्युषण महापर्व में दस गुणों उत्तम क्षमा, मार्दव, आर्जव, शौच, सत्य, संयम, तप, त्याग, आकिंचन और ब्रह्मचर्य की पूजा व अनुमोदना होती है. श्रद्धालू इन दिनों व्रत, उपवास और साधना कर आत्मिक शुद्धि की राह पर चलते हैं.
मनुष्य के भीतर का क्रोध आत्मिक प्रगति को रोकता है : पंडित अंकित शास्त्री
पंडित अंकित जी शास्त्री ने प्रवचन में कहा कि क्रोध को पैदा न होने देना ही क्षमा है. केवल बाहर से शांत रहना नहीं बल्कि भीतर से भी द्वेष मिटाना ही सच्ची क्षमा है. बाहरी क्रोध क्षणिक छवि बिगाड़ता है, जबकि भीतर का क्रोध आत्मिक प्रगति रोकता है.
रांची के जैन मंदिरों में हुई विशेष पूजा
अपर बाजार जैन मंदिर और वासुपूज्य जिनालय में दिनभर विशेष पूजा-अर्चना हुई. मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती रही. अपर बाजार जैन मंदिर के बड़े हॉल में विद्वान पंडित अंकित जी शास्त्री के सानिध्य में सामूहिक संगीतमय पूजन, शास्त्र वाचन और मंडल पूजन हुआ. पूजन का संचालन हेमंत सेठी, आकाश सेठी, संजय पाटनी व राकेश काशलीवाल ने किया.
वहीं मंडल पूजन में प्रमोद झांझरी, संजय काशलीवाल, विनोद झांझरी, कमल पाटोदी, सुनील सेठी व राकेश गंगवाल शामिल थे. पवन कुमार रोहित कुमार बाकलीवाल परिवार व पारसमल महावीर प्रसाद बड़जात्या परिवार ने अपर बाजार मंदिर में शांतिधारा करवाई. रोहित जी बाकलीवाल और सुमीत जी पाटनी परिवार ने वासुपूज्य जिनालय में शांतिधारा की.
जिनवाणी पाठ प्रतियोगिता से बच्चों ने बांधा समां
जैन युवा जागृति मंच द्वारा जिनवाणी पाठ प्रतियोगिता आयोजित की गई. जिसमें बच्चों ने जैन ग्रंथ जिनवाणी से जुड़े दोहे व काव्य की मनमोहक प्रस्तुति दी.
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