- संविधान पर हमला कर रही NCERT
NewDelhi : राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की पाठ्यपुस्तकों में संशोधन को लेकर विवाद चल रहा है. इस बीच कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया है कि यह संस्था 2014 से आरएसएस की सहयोगी के रूप में काम कर रही है और संविधान पर हमला कर रही है. रमेश ने ‘एक्स’ पर कहा कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने नीट-2024 परीक्षा में ग्रेस मार्क विवाद के लिए एनसीईआरटी को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह केवल एनटीए की अपनी नाकामियों से ध्यान हटाने की कोशिश है. हालांकि यह सच है कि एनसीईआरटी अब पेशेवर संस्था नहीं रही. यह 2014 से आरएसएस से संबद्ध संस्था के रूप में काम कर रही है. अभी-अभी पता चला कि इसकी 11वीं कक्षा की राजनीति विज्ञान की संशोधित पाठ्यपुस्तक में धर्मनिरपेक्षता के विचार की आलोचना की गयी है.
NCERT का काम किताबें प्रकाशित करन, ना कि राजनीतिक पर्चे जारी करना या दुष्प्रचार करना
जयराम रमेश ने आगे कहा कि एनसीईआरटी का काम किताबें प्रकाशित करना है, राजनीतिक पर्चे जारी करना या दुष्प्रचार करना नहीं. एनसीईआरटी हमारे देश के संविधान पर हमला कर रही है, जिसकी प्रस्तावना में धर्मनिरपेक्षता को स्पष्ट रूप से भारतीय गणतंत्र के मूलभूत स्तंभ के रूप में दर्शाया गया है. सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न निर्णयों ने स्पष्ट रूप से धर्मनिरपेक्षता को संविधान की मूल संरचना का एक अनिवार्य हिस्सा माना है. रमेश ने कहा कि एनसीईआरटी को याद रखना चाहिए कि यह राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद है, ना कि नागपुर या नरेंद्र शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद. कांग्रेस महासचिव ने आरोप लगाया कि आज इसकी सभी पाठ्यपुस्तकें संदिग्ध गुणवत्ता वाली हैं और मेरे स्कूल के दिनों से बिल्कुल अलग हैं.
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