NewDehi : परिसीमन आयोग द्वारा जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 7 सीटें बढ़ाने के प्रस्ताव पर राजनीति गर्मा गयी है. इनमें छह सीटें जम्मू और एक कश्मीर में बढ़ाई जायेगी. इस संशोधन के बाद विधानसभा में सीटों की संख्या 83 से बढ़कर 90 हो जायेगी. बता दें कि विधानसभा की कुल 90 सीटों में से 43 जम्मू में, जबकि 47 सीटें कश्मीर में होंगी. केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कहा है कि परिसीमन के बाद ही चुनाव होंगे, यानी जब सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश रंजना देसाई 6 मार्च 2022 तक अपनी रिपोर्ट फाइनल कर लेंगी.
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की RSS सुप्रीमो मोहन भागवत के साथ तस्वीर, कांग्रेस ने अखिलेश को घेरा, कहा, नयी सपा में स का मतलब संघवाद गैर भाजपाई दल विरोध पर उतर आये हैं
इस प्रस्ताव का कश्मीर के गैर भाजपाई दल विरोध पर उतर आये हैं. इन राजनीतिक दलों का आरोप है कि भाजपा हिंदुओं के प्रभाव वाले जम्मू में सीटें बढ़ाना चाहती है. वह चाहती है कि इससे वह सत्ता में आ जाये और अपना मुख्यमंत्री बना सके. अगर जम्मू में सीटें बढ़ती हैं तो इसका फायदा भाजपा को पहुंचेगा, कश्मीर पर भाजपा की निर्भरता कम है, जहां पिछले विधानसभा चुनाव में वह एक भी सीट नहीं जीत पायी थी.
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की न्यूज डायरी।21 दिसंबर।अनुपूरक बजट पास।सूबे में बढ़ी शीतलहरी।स्क्रैप में बेच दिया रेल इंजन।एश्वर्या से ED की लंबी पूछताछ।समेत कई खबरें और वीडियो जनसंख्या के आधार पर सीटों का बंटवारा किये जाने की मांग
2011 की जनगणना के अनुसार कश्मीर की जनसंख्या 68 लाख 88 हजार 475 है, यह राज्य की करीब 54.93फीसदी आबादी है. यहां 46 सीटें हैं, जो कि विधानसभा में प्रतिनिधित्व के हिसाब से 52.87 बैठती है. जम्मू की आबादी 53 लाख 78 हजार 538 है. यहां विधानसभा की 37 सीटें और प्रतिनिधित्व 42.52 फीसदी है. कश्मीर के राजनीतिक दलों का कहना है कि सीटों का बंटवारा जनसंख्या के आधार पर हो. उनके अनुसार कश्मीर घाटी की आबादी जम्मू के मुकाबले 15 लाख ज्यादा है और ऐसे में इसे विधानसभा में ज्यादा प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए. भाजपा का कहना है कि जम्मू 26 हजार 293 वर्ग किलोमीटर में फैला है और कश्मीर 15 हजार 948 वर्ग किलोमीटर में और इसलिए परिसीमन केवल जनसंख्या नहीं, बल्कि इलाके को ध्यान में रखते हुए करना चाहिए.
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ऐश्वर्या पहुंचीं ED दफ्तर, पूछताछ जारी भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में ST को आरक्षण देने की बात
भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में अनूसूचित जनजाति (ST) को आरक्षण देने की बात कही थी. जम्मू-कश्मीर में इनकी आबादी 11.9% है। इनके लिए परिसीमन आयोग ने 9 सीटों का प्रस्ताव दिया है. इनकी सबसे ज्यादा आबादी जम्मू रीजन में ही है, यानी करीब 70% और कश्मीर में यह आंकड़ा 30% का है। इनमें गुज्जर बक्करवाल, सिप्पी और गड्डी है.अनुसूचित जाति (SC) के लिए 7 सीटों का प्रस्ताव रखा है. राज्य में इनकी आबादी 9 लाख 24 हजार 991 है और यह आबादी का 7.38% हैं. कश्मीर घाटी में इनकी तादाद बेहद कम है.
भाजपा के सियासी फायदे के लिए कमीशन :महबूबा
इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री और PDP प्रेसिडेंट महबूबा मुफ्ती ने कहा कि परिसीमन कमीशन के सामने मेरी आपत्तियां गलत नहीं थीं. इनकी कोशिश लोगों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करने की है. जनगणना के आंकड़ों को भी ध्यान में नहीं रखा जा रहा है. कहा कि जम्मू को 6 और कश्मीर को बस एक सीट दी जा रही है. यह कमीशन भाजपा को सियासी फायदा पहुंचाने के लिए बनाया गया है. मजहब और क्षेत्रवाद के आधार पर बंटवारा किया जा रहा है.
उमर अब्दुल्ला ने कहा, इस परिसीमन से बेहद निराश हूं
नेशनल कान्फ्रेंस के नेता और पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा, मैं इस परिसीमन से बेहद निराश हूं. कमीशन भाजपा का पॉलिटिकल एजेंडा पूरा कर रहा है. जो डेटा था उसको भी ध्यान में नहीं रखा गया. हमें यह मंजूर नहीं है. 6 सीटें जम्मू और सिर्फ 1 कश्मीर को दी जा रही है. ये 2011 की जनगणना के अनुसार भी गलत है. जम्मू-कश्मीर के कांग्रेस चीफ गुलाम अहमद मीर ने कहा- SC और ST के लिए तो सीटें पहले से रिजर्व हैं. परिसीमन आबादी के आधार पर होना चाहिए. [wpse_comments_template]
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