Jamshedpur ( Sunil Pandey) : झारखंड में विसंगतिपूर्ण एवं नियोजन नीति के खिलाफ विभिन्न संगठनों की ओर से 19 अप्रैल को बुलाए गए झारखंड बंद का आदिवासी सेंगेल अभियान ने समर्थन किया. इसका निर्णय रविवार को करनडीह में आयोजित बैठक में लिया गया. बैठक में पूर्व सांसद सालखन मुर्मू भी मौजूद थे. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार झारखंडियों के हित में नियोजन नीति नहीं ला रही है. उनकी पार्टी स्थानीय को प्राथमिकता देने की शुरू से मांग करती है. लेकिन सरकार की मंशा साफ नहीं हैं. सरकार की विसंगतिपूर्ण नियोजन नीति के खिलाफ विरोध बढ़ता जा रहा है. उन्होंने प्रखंडस्तर पर नियोजन नीति लाने की मांग की. जिससे स्थानीय लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिल सके.
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सरकारी नौकरियों में स्थानीय को मिले प्राथमिकता
सालखन मुर्मू ने कहा कि सरकारी नौकरियों में आज भी बाहरी लोग काबिज है. स्थानीय एवं ग्रामीणों को महत्व देने के लिए 90 प्रतिशत ग्रामीणों की बहाली का प्रावधान करना होगा. प्रखंडवार कोटा बनाकर उसी प्रखंड के आवेदकों से रिक्त पदों को भरना होगा. इसमे ना खतियान की जरूरत है नाहीं नीतियों की प्रतीक्षा करने की. तीन महीनों में प्रखंडवार नियोजन संभावित है.
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बैठक में ये थे मौजूद
सुमित्रा मुर्मू, बीमो मुर्मू, बिरसा मुर्मू, भगीरथ मुर्मू, किशुन हंसदा, सीताराम माझी, तिलका मुर्मू, सिदो मुर्मू, ममता टुडू, जयलिलता टुडू, तुलसी हंसदा, माइनो हंसदा, सालखन मुर्मू, अर्जुन मुर्मू, जूनियर मुर्मू, मंगल अलड्डा, सनत बास्के, सीता हंसदा, छिता मुर्मू आदि शामिल थे.
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