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जमशेदपुर: मानसी प्‍लस कार्यक्रम के लिए अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन और टाटा स्टील फाउंडेशन में करार

Jamshedpur: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कोल्हान प्रमंडल में माता एवं नवजात शिशु की स्वास्थ्य एवं पोषण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए टाटा स्टील फाउंडेशन और अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन के बीच आज शुक्रवार को करार हुआ. करार पर विद्यानंद शर्मा पंकज,  अतिरिक्त मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, अनुपम सरकार, वरिष्ठ कार्यक्रम प्रबंधक अमेरिकन इंडियन फाउंडेशन और डॉ. अनुज भटनागर, प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य टाटा स्टील द्वारा हस्ताक्षर किए गए. इसे भी पढ़ें: जमशेदपुर:">https://lagatar.in/jamshedpur-westerly-wind-raised-kankani-mercury-dropped-by-3-4-degree-celsius/">जमशेदपुर:

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मानसी प्‍लस एक दशक से अधिक के लगातार प्रयास का परिणाम

इस संबंध में विद्यानंद शर्मा पंकज ने कहा कि मानसी स्वस्थ्य एवं पोषण के क्षेत्र में एक बेहतरीन कार्यक्रम के रूप में उभरा है. हमें झारखंड के कोल्हान प्रमंडल में मानसी प्‍लस कायर्क्रम को आगे बढ़ाने की दिशा में इस साझेदारी का विस्तार करते हुए खुशी हो रही है. वहीं सौरव रॉय, चीफ, कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी, टाटा स्टील ने कहा कि मानसी प्‍लस एक दशक से अधिक के लगातार प्रयास का परिणाम है. जिसने एक उत्कृष्ट सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल का निर्माण करते हुए शिशु और मातृत्‍व मृत्यु दर में बेंचमार्क कटौती की है. जो मानसी कार्यक्रम की सफलता का परिचायक है. उन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और एआईएफ का इस कार्यक्रम में टाटा स्टील फाउंडेशन को सहयोगी के बनाने के लिए आभार प्रकट किया.

कोल्हान के 38 प्रखंडों के 40 लाख लोग होंगे लाभान्वित 

झारखंड और ओडिशा के तीन जिलों के 12 ब्लॉकों में 1700 गांवों में मानसी के सफल कार्यान्वयन के एक दशक के बाद, झारखंड के कोल्हान प्रमंडल क्षेत्र में सार्वजनिक निजी भागीदारी मॉडल के माध्यम से मानसी प्‍लस कार्यक्रम की शुरुआत की जा रही है. पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला जिलों के 38 प्रखंडों में यह कार्यक्रम मई  2026 तक 5000 गांवों को कवर करेगा और इस क्षेत्र में लगभग 40 लाख आदिवासी आबादी इस कार्यक्रम से लाभान्वित होंगे .

क्या है मानसी प्‍लस कार्यक्रम

मानसी प्‍लस कार्यक्रम कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना, कुपोषित बच्चों का समुचित इलाज करना, गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना, उनकी नियमित जांच करना है. ताकि मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके. इस संबंध में लगातार कार्यक्रम चलाए जाएंगे. इसे भी पढ़ें: होमगार्ड">https://lagatar.in/home-guard-reinstatement-case-chief-minister-said-in-the-last-phase-of-investigation-process-appointment-letters-to-successful-candidates-as-soon-as-possible/">होमगार्ड

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