Jamshrdpur (Anand Mishra) : अखिल झारखंड छात्र संघ के अध्यक्ष हेमंत पाठक के नेतृत्व में डिमना स्थित हलुदबानी में हूल दिवस मनाया गया. इस अवसर पर वीर शहीद सिधो कान्हो की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया. साथ ही संकल्प लिया गया कि अन्याय के खिलाफ जोरदार आवाज उठाना और गलत का विरोध करना है. इस अवसर पर हेमंत पाठक ने कहा कि 30 जून 1855 को झारखंड के आदिवासियों ने अंग्रेजी हुकूमत के अत्यादचार के खिलाफ पहली बार विद्रोह का बिगुल फूंका था। इस दिन 400 गांवों के 50 हजार लोगों ने साहिबगंज के भोगनाडीह गांव पहुंचकर अंग्रेजों से आमने-सामने की जंग का ऐलान कर दिया था. इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर">https://lagatar.in/jamshedpur-waiting-for-the-departments-letter-to-colleges-for-admission-in-intermediate/">जमशेदपुर
: इंटरमीडिएट में एडमिशन को कॉलेजों को विभाग की चिट्ठी का इंतजार उन्होंने कहा कि आदिवासी भाइयों सिद्धो-कान्होग और चांद-भैरव के नेतृत्वअ में तब संथालों ने मालगुजारी नहीं देने और अंग्रेज हमारी माटी छोड़ो का जोर-शोर से ऐलान किया. अंग्रेजों ने तब संथाल विद्रोहियों से घबराकर उनका दमन प्रारंभ किया. इसकी प्रतिक्रिया में आदिवासियों भाइयों ने अंग्रेजी सरकार की ओर से आए जमींदारों और सिपाहियों को मौत के घाट उतार दिया। तब विद्रोहियों को सबक सिखाने के लिए अंग्रेजों ने क्रूरता की सारी हदें पार कर दी. चांद और भैरव को अंग्रेजों ने मार डाला. इसे भी पढ़ें : धनबाद">https://lagatar.in/dhanbad-fierce-firing-on-jamsan-supporter-saved-his-life-by-running-away/">धनबाद
: जमसं समर्थक पर ताबड़तोड़ फायरिंग, भाग कर जान बचाई हेमंत पाठक ने कहा कि इसके बाद सिद्धो और कान्हो को भोगनाडीह में ही पेड़ से लटकाकर 26 जुलाई 1855 को फांसी दे दी गई. लेकिन उनकी वीरता आज भी प्रत्येक झारखंडी के दिल में झारखंड के भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों का इतिहास झारखंड के पाठ्यक्रम में पढ़ने की आवश्यकता है. इस अवसर पर जिला कार्यकारी अध्यक्ष साहेब बागती,अध्यक्ष जगदीप सिंह , प्रदीप राय ,अभिमन्यु सिंह,राहुल कुमार ,मनीष कुमार,मंटू सतुआ, बादल कुमार, प्रद्युम नामता,दीपक कुमार रमेश कुमार समेत अन्य उपस्थित थे. [wpse_comments_template]
जमशेदपुर : अखिल झारखंड छात्र संघ ने डिमना में मनाया हूल दिवस, शहीदों को दी श्रद्धांजलि

Leave a Comment