Jamshedpur (Anand Mishra) : एक तरफ घाटशिला के मऊभंडार में प्रधानमंत्री भाजपा प्रत्याशी विद्युत वरण महतो के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंचे थे, वहीं दूसरी तरफ पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इसे लेकर यहां लेकर तरह-तरह के कयास लगाये जा रहे हैं. इस बीच यहां बिष्टुपुर में संवाददाता सम्मेलन के माध्यम से कुणाल षाड़ंगी ने बताया कि पार्टी में कुछ छुटभैया नेताओं का बोलबाला है. साजिश के तहत पिछले छह महीने से उनकी और उनके समर्थकों की अनदेखी की जा रही थी. जहां उनकी भागीदारी होनी चाहिए वहां भी उन्हें तरजीह नहीं दी जा रही थी. इससे वे और उनके समर्थक अपमानित महसूस कर रहे थे. श्री षाड़ंगी ने बताया कि समय-समय पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष, संगठन मंत्री समेत प्रदेश आलाकमान को इसकी व्हाट्सएप एवं अन्य माध्यम से जानकारी दी गयी. बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गयी. रविवार को प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी की सभा में भी नहीं बुलाया गया. अपमान की पराकाष्ठा हो गयी, तब उन्होंने प्रदेश प्रवक्ता पद से इस्तीफा संबंधी पत्र प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को प्रेषित किया है.
इसे भी पढ़ें : देवघर: कल्याण विभाग का पदाधिकारी बनकर ठगी करने वाले तीन साइबर अपराधी गिरफ्तार
भितघात करनेवालों पर नहीं हुई कार्रवाई, दे दिया गया पद
कुणाल षाड़ंगी ने बताया कि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी प्रत्याशियों को हराने के लिए पार्टी के जिन नेताओं व कार्यकर्ताओं ने काम किया, उनके खिलाफ आज तक कार्रवाई नहीं हुई है. जबकि तत्कालीन जिलाध्यक्ष ने उनके नाम की सूची साथ कार्रवाई के लिए प्रदेश नेतृत्व से कार्रवाई का आग्रह किया था. बावजूद कार्रवाई के बजाय उन्हें महिमंडित करने के लिए पद दे दिया गया. उन्होंने कहा कि जिले में वर्तमान में जिलाध्यक्ष बदला है, शेष पूरी टीम वही है. इसके अलावा पार्टी के प्रधान चुनाव कार्यालय में बीती रात जो मारपीट की घटना हुई वह शर्मनाक है.
इसे भी पढ़ें : बोकारो : जनता ने इस बार मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने का मन बना लिया है- कल्पना
टिकट की महत्वाकांक्षा किसी नहीं
एक सवाल पर श्री षाड़ंगी ने जो जवाब दिया उससे यह प्रतीत होता है कि लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने के कारण भी उनके मन में कहीं न कहीं थोड़ी नाराजगी है. हालांकि उन्होंने कहा इस्तीफे का मुख्य कारण अपमानित किया जाना है. लेकिन टिकट की महत्वाकांक्षा कोई गुनाह तो नहीं है. पार्टी में रह कर कार्य करनेवाला हर कोई टिकट की इच्छा या महात्वाकांक्षा रखता है.
इसे भी पढ़ें : घाटशिला : झारखंड राज्य का गठन भाजपा की देन : मरांडी
मापदंड ऐसा तो मुझे नहीं चाहिए टिकट
कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि पार्टी ने कई ऐसे लोगों को टिकट दिये हैं, जिनके खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. यदि यही टिकट पाने का मापदंड है, तो मुझे टिकट नहीं चाहिए. उन्होंने कहा कि जनसेवा के लिए उन्होंने नौकरी छोड़ी और राजनीति में आये. अन्यथा आज भी विदेश में नौकरी कर रहे होते.
इसे भी पढ़ें : दक्षिण-पश्चिम मानसून ने निकोबार द्वीप पर दस्तक दी, 31 मई तक केरल पहुंचने की उम्मीद : मौसम विज्ञान विभाग
मेरे पद त्यागने से क्या फर्क पड़ेगा
एक अन्य सवाल पर कुणाल ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि पार्टी का प्रदेश प्रवक्ता पद छोड़ने से जमशेदपुर संसदीय सीट से पार्टी प्रत्याशी के वोट पर क्या फर्क पड़नेवाला है. नामांकन के समय मैं उनके साथ था. उनके लिए वोट भी मांगा, लेकिन टिकट मिलने के बाद उन्होंने मुझे एक फोन तक नहीं किया, जबकि मैं बहरागोड़ा से विधायक रह चुका हूं और पार्टी का मौजूदा प्रदेश प्रवक्ता भी था.
इसे भी पढ़ें : घाटशिला में बोले पीएम मोदी-विपक्ष का तरीका है झूठ बोलो, जोर से बोलो, बार-बार बोलो, इधर भी बोलो, उधर भी बोलो
Leave a Reply