Jamshedpur (Sunil Pandey) : पोटका के बड़ा भूमरी गांव में माताजी आश्रम हाता के सहयोग से गौर निताई ठाकुर आजीविका की ओर से बंगला भाषा की पढ़ाई शुरू की गई. इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में साहित्यकार, समाजसेवी व माताजी आश्रम के संचालक सुनील कुमार दे तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में रामगढ़ आश्रम हाता के अध्यक्ष सुधांशु शेखर मिश्र, दुर्गाबाड़ी जमशेदपुर के समीर दास, बंगला क्लब खैरपाल के मृणाल पाल, मूर्तिकार सह समाजसेवी सुबोध गोराई, माताजी आश्रम के भक्त बलराम गोप और अमल बिस्वास आदि उपस्थित थे. सुनील कुमार दे और सुधांशु शेखर मिश्र ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित करके और माँ सरस्वती की प्रतिकृति पर माल्यार्पण करके बंगला कक्षा की शुरुआत की. मौते पर सुधांशु मिश्र,सुबोध गोराई, मृणाल पाल, ऋषभ मंडल आदि ने अपने अपने महत्वपूर्ण विचार रखे और सभी ने बंगला भाषी भाई बहन को अपनी मातृभाषा बंगला के लिए प्रेरित किया.
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सरकारी स्कूलों में बंगला भाषा की नहीं होती पढ़ाई
साहित्यकार सुनील कुमार दे ने कहा कि झारखंड के बंगला भाषी बच्चे अपनी मातृभाषा बंगला को शिखना चाहते हैं. लेकिन सरकारी विद्यालय में कोई व्यवस्था नहीं है. इसलिए आज गांव गांव में सामाजिक संगठनों के द्वारा बंगला भाषा सिखाने की व्यवस्था करनी पड़ रही है. उन्होंने झारखंड के 42% बंगला भाषी लोगों की भावना को सम्मान करें सरकार और सभी सरकारी बंगला भाषी स्कूलों में अविलंब बंगला की पढ़ाई की व्यवस्था की मांग की. बंगला शिखने वाले छात्र छात्राओं को माताजी आश्रम हाता की ओर से बंगला पुस्तक, कॉपी तथा बंगला क्लब खैर पाल की ओर से कलम दी गई. 33 बच्चे ने नामांकन किया।बच्चे का पहला बंगला क्लास सुनील कुमार दे ने लिया. अंत में धन्यवाद ज्ञापन रीना मंडल ने किया. इससे पहले विमल मंडल ने अतिथियों और स्कूली बच्चे का स्वागत किया. रीना मंडल और रीता मंडल ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया. जबकि ममता पति ने एक रवींद्र संगीत प्रस्तुत की. बच्चों की कक्षाएं ममतामयी मंडल, करुणामयी मंडल और रेखा रानी मंडल लेंगे.
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