Jamshedpur (Dharmendra Kumar) : पूर्वी सिंहभूम जिले में सरकारी स्कूल के बच्चों के खाते में कम राशि होने पर बैंक द्वारा उनके हक के पैसे काटे जा रहे हैं. जिन बच्चों को पिछले 10 माह की कुकिंग कॉस्ट की राशि दी गई, उनके खाते से भी मिनिमम बैलेंस के नाम पर राशि काट ली गई. हालांकि, ऐसा सिर्फ पूर्वी सिंहभूम में ही नहीं बल्कि राज्य के अधिकांश जिलों के बच्चों के साथ हुआ है. बैंकों द्वारा खाते में सालभर मिनिमम बैलेंस नहीं रहने पर 200 से 300 रुपये तक काटे जा रहे हैं. ऐसे में जिन बच्चों को 1000-1500 रुपये मिलते हैं, उससे 300 रुपये तक कटने से छात्रों को परेशानी हो रही है. इस संबंध में उपायुक्त की अध्यक्षता में होने वाली मासिक शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में चर्चा की गई. उपायुक्त विजया जाधव द्वारा बैंक पदाधिकारियों को छात्रों के खाते से पैसे नही काटने के निर्देश भी दिए गए. लेकिन उसके बावजूद छात्रों के खाते से पैसे काटे जा रहे हैं.
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31,076 छात्रों के बीच किया गया 2,08,53,500 रु छात्रवृति राशि का वितरण
जिला कल्याण विभाग द्वारा प्राप्त आवंटन राशि आठ करोड़ 16 लाख दो हजार के विरुद्ध वित्तीय वर्ष 2021-22 की छात्रवृति राशि का वितरण किया गया. जिसमें कुल 31,076 छात्रों के बीच डीबीटी के माध्यम से 2 करोड़ 8 लाख 53 हजार 500 रु वितरित किए गए. प्री मैट्रिक में अंतर्गत 1,174 एससी छात्रों के बीच 9 लाख 64 हजार 500 रु, 8,074 एसटी छात्रों के बीच 58 लाख 15 हजार और 7,718 ओबीसी छात्रों के बीच 60 लाख 26 हजार 500 रु डीबीटी के माध्यम से वितरित किए गए. वहीं, पोस्ट मैट्रिक के तहत 271 एससी छात्रों के बीच 6 लाख 9 हजार 750 रु, 2,239 एसटी छात्रों के बीच 50 लाख 37 हजार 750 रुपये और 11,600 ओबीसी छात्रों के बीच 24 लाख रुपये का वितरण किया गया.
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समय पर छात्रवृति की राशि आवंटित नहीं करने से हो रही है यह समस्या उत्पन्न
वहीं, इस संबंध में जिला कल्याण पदाधिकारी ने बताया कि विभाग द्वारा समय पर छात्रवृति की राशि आवंटित नहीं किए जाने से यह समस्या उत्पन्न होती है. उन्होंने कहा कि वर्तमान शेष बचे छात्रों के वित्तीय वर्ष 2021-22 की छात्रवृति की राशि का भुगतान किया गया. स्कूली बच्चों का बैंक खाता सरकारी योजनाओं की राशि डीबीटी के माध्यम से देने के लिए होती है. किसी योजना की राशि आने पर छात्र-छात्राएं उसे निकालते हैं. सरकारी योजनाओं की राशि देर सबेर दी जाती है. साथ ही इसकी राशि भी अधिकतम 2,200 रु होती है. ऐसे मे बैंकों द्वारा छात्रों के खाते से पैसे की कटौती करना गलत है. इस संबंध में उपायुक्त द्वारा बैंक पदाधिकारियों को छात्रों के खाते से पैसे नही काटने के निर्देश दिए गए है.
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