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प्रबंधन के लिए बिहार विस ने बनाया था संविधान
तख्त का प्रबंधन करने के लिए बिहार राज्य विधानसभा ने संविधान बनाया था और इसमें पांच निर्वाचन क्षेत्र रखे गए. तीन निर्वाचन क्षेत्र पटना एवं पटना सिटी तथा चौथा निर्वाचन क्षेत्र उत्तरी बिहार एवं पांचवा निर्वाचन क्षेत्र दक्षिणी बिहार अर्थात गंगा नदी का दक्षिणी इलाका बनाया गया.दक्षिण बिहार अर्थात सासाराम भागलपुर जमालपुर नालंदा नवादा आदि में 15 गुरुद्वारे हैं और तकरीबन 125 से ज्यादा गुरुद्वारे एवं सिख संस्थाएं धार्मिक एवं सामाजिक क्षेत्रों में काम कर रही हैं.यहां बोकारो के जोगिंदर सिंह जोगी अध्यक्ष तो जमशेदपुर के सरदार शैलेंद्र सिंह कार्यकारी अध्यक्ष तथा वर्तमान में सरदार इंद्रजीत सिंह महासचिव की जिम्मेदारी निभा रहे हैं. इंदरजीत सिंह एवं दिल्ली के धाकड़ अकाली नेता अवतार सिंह हित और उत्तर बिहार के लखविंदर सिंह तथा पटना सिटी के खनूजा ने कमिटी चलाई है. उससे पटना के स्थानीय सिख नाखुश रहे हैं. इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर">https://lagatar.in/jamshedpur-vishwakarma-basti-mla-mangal-kalindi-visited-became-aware-of-the-problems/">जमशेदपुर: विश्वकर्मा बस्ती का विधायक मंगल कालिंदी ने किया दौरा, समस्याओं से हुए अवगत
इंद्रजीत को उम्मीद हल हो जाएगा विवाद
[caption id="attachment_711335" align="aligncenter" width="152"]alt="" width="152" height="300" /> इंद्रजीत सिंह[/caption] दिल्ली दरबार एवं बादल परिवार तक आसान पहुंच के कारण हित के खिलाफ कोई कुछ कर नहीं सका परंतु अब उनके निधन के बाद पटना के सिखों में एक तरह से ठान लिया है की बाहरी लोगों को कमेटी में किसी भी हाल में काबिज नहीं होने देना है. बोर्ड का तर्क है कि झारखंड 2000 में ही बिहार से अलग हो चुका है और हिस्सेदारी क्यों दी जाय. महासचिव इंदरजीत सिंह कहते हैं कि चुनावी प्रक्रिया चल रही है और इस बार दक्षिण बिहार सीट से झारखंड को हटाना मुमकिन नहीं है. लेकिन देखना होगा कि कानून किस तरह से अपना काम करता है. इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर">https://lagatar.in/jamshedpur-antisocial-elements-and-social-media-will-be-strictly-monitored-in-muharram-no-change-in-route-will-be-allowed/">जमशेदपुर
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भागीदारी काटने की बजाय बढ़ाए बोर्ड- कुलविंदर
[caption id="attachment_711337" align="aligncenter" width="291"]alt="" width="291" height="300" /> कुलविंदर सिंह[/caption] जमशेदपुर से झारखंड सिख विकास सभा के अध्यक्ष गुरदीप सिंह पप्पू और राष्ट्रीय सनातनी सिख सभा के कुलविंदर सिंह कहते हैं कि यहां तो सिखों की भागीदारी में वृद्धि की जानी चाहिए और पटना के लोगों को अपना दिल बड़ा करना चाहिए. झारखंड के सिखों की संख्या के आधार पर तीन प्रतिनिधित्व की मांग पर बोकारो के सरदार सेवा सिंह हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक गए और कोर्ट ने बॉल बिहार सरकार के पाले में डाल दी. बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग एवम झारखंड अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष एवं रामगढ़ के सरदार इंद्रजीत सिंह कालरा के अनुसार झारखंड के सिखों को समुचित कदम व्यापक भागीदारी के लिए उठाना चाहिए. इसके लिए उन्होंने कोल्हान की सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार भगवान सिंह, रांची निवासी तथा झारखंड अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष सरदार गुरविंदर सिंह सेठी से रांची में बैठक बुलाने का आग्रह किया है. उनके अनुसार यहां रणनीति बनाकर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने की जरूरत है. जिससे संवैधानिक प्रक्रिया पूरी होने से झारखंड के तीन प्रतिनिधि प्रबंधन कमेटी में जाएं. इसे भी पढ़ें : आदित्यपुर">https://lagatar.in/adityapur-entrepreneurs-made-aware-of-voting-in-awareness-camp/">आदित्यपुर
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