: विद्यापति नगर में स्व. मनमोहन को दी गई श्रद्धांजलि
करोड़ो खर्च के बाद भी आंख मिचौली झेलने को विवश हैं उपभोक्ता
झारखंड की बिजली सुधारने के लिए रघुवर सरकार में बिजली की अंडरग्राउंड केबलिंग का कार्य शुरु हुआ. लेकिन 8 वर्षों में भी वह कार्य पूर्ण नहीं हो सका. आज भी ग्रामीण क्षेत्र में जर्जर पोल एवं तार देखने को मिल जाएंगे. घटना अथवा दुर्घटना होने की स्थिति में विभाग संज्ञान लेता है. उसके बाद सो जाता है. राहरगोड़ा के रहने वाले बबलू कुमार ने बताया कि अब लोगों के घरो में केरोसिन तेल नहीं रहता है. गाहे-बगाहे ही लोग मोमबती भी मंगाते हैं. घंटो लाइन कटने पर मोबाइल की रौशनी ही एक मात्र सहारा है. उन्होने कहा कि कि विभाग के अधिकारियों को फोन करने पर बिजली कटने के तरह-तरह के बहाने बनाए जाते हैं. इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर">https://lagatar.in/jamshedpur-asa-staged-a-sit-in-demanding-the-status-of-first-official-language-to-santali/">जमशेदपुर: संताली को प्रथम राजभाषा का दर्जा देने की मांग को लेकर एएसए ने दिया धरना [wpse_comments_template]
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