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जमशेदपुर : टाटा मोटर्स में हुआ बोनस समझौता, अधिकतम 57900 व न्यूनतम 43000 रुपये मिलेंगे

Jamshedpur (Dharmendra Kumar)टाटा मोटर्स के जमशेदपुर प्लांट में सोमवार को प्रबंधन और टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन के बीच बोनस समझौता हुआ. कर्मचारियों को 10.1 फीसदी बोनस मिलेगा. इसके तहत न्यूनतम 43000 रुपए और अधिकतम 57900 रुपए बोनस मिलेगा. इस बार सबसे ज्यादा 355 अस्थायी मजदूरों को स्थायी करने पर सहमति बनी है. बोनस की राशि इस माह के वेतन के साथ ही कर्मचारियों के खाते में चला जाएगा. बोनस समझौता करके बाहर निकले टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष गुरमीत सिंह तोते और महामंत्री आरके सिंह का कमेटी मेंबरों और कर्मचारियों ने भव्य स्वागत किया. खुली जीप में कंपनी से यूनियन पदाधिकारी बाहर निकले. कंपनी गेट के सामने ही उनका फूल माला से लोगों ने स्वागत किया. सभी कर्मचारी यूनियन जिंदाबाद का नारा लगा रहे थे. इसे भी पढ़ें : चांडिल">https://lagatar.in/chandil-strong-opposition-to-the-statement-of-former-mp-salkhan-murmu-mahal-condemned/">चांडिल

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इस अवसर पर मीडिया से बात करते हुए यूनियन के महामंत्री आरके सिंह ने कहा कि यूनियन की सबसे बड़ी उपलब्धि 355 अस्थायी कर्मचारियों का स्थायीकरण कराना है. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को 10.1 प्रतिशत बोनस मिलेगा. इस वर्ष पिछले वर्ष से ज्यादा बोनस दिलाने का यूनियन का प्रयास सफल रहा. पिछले वर्ष अधिकतम 51 हजार रुपये मिला था, जबकि इस वर्ष अधिकतम 57900 रुपए की राशि मिलेगी. यूनियन द्वारा 2017 से 2023 तक लगभग 2100 मजदूरों का स्थायीकरण करया गया है जो अपने आप में रिकॉर्ड है. कर्मचारियों के बेहतरी के लिए यूनियन प्रतिबद्ध है. इसे भी पढ़ें : मनी">https://lagatar.in/money-laundering-case-court-refuses-to-grant-bail-to-virendra-ram-neeraj-mittal-and-ram-prakash-bhatia/">मनी

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निराशाजनक है बोनस समझौता : हर्षवर्द्धन

टाटा मोटर्स में हुए बोनस समझौता को निराशाजनक बताते हुए टेल्को वर्कर्स यूनियन के पदाधिकारी हर्षवर्द्धन ने कहा कि 10.1 प्रतिशत का बोनस समझौता टाटा मोटर्स के कर्मचारियों के साथ धोखा है. इस बोनस समझौता को लेकर कर्मचारियों में असंतोष है. कोई कर्मचारी डर से प्रबंधन का खुलकर विरोध नहीं कर पाता है. लेकिन अंदर ही अंदर इस समझौता को लेकर कर्मचारियों में असंतोष व्याप्त है. उन्होंने कहा कि टाटा मोटर्स को 5000 करोड़ रुपए का लाभ हुआ है. इतने वर्षों के बाद कंपनी द्वारा शेयर धारकों को डिविडेंड दिया गया है. ऐसे में कर्मचारियों के साथ नाइंसाफी क्यों? जिन कर्मचारियों की मेहनत से कंपनी को 5000 करोड़ रुपए का लाभ हुआ, उन्हें मात्र 10.1 प्रतिशत बोनस दिया जा रहा है. [wpse_comments_template]

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