: कोल्हान विवि में दीक्षांत समारोह में 103 गोल्ड मेडलिस्ट व 85 पीएचडी शोधार्थी हुये सम्मानित
शिकार के दिन जंगलों मे जड़ी-बूटी की होती है खोज
[caption id="attachment_285685" align="aligncenter" width="600"]alt="" width="600" height="352" /> बैठक में पहुंचे वन्य विभाग के अधिकारी.[/caption] उन्होंने कहा कि शिकार पर्व का आयोजन सदियों से होते आ रहा है. पूर्वजों की परंपरा को बरकरार रखने एवं देवी-देवताओं से आशीर्वाद के लिये ही सभी जंगल जाते हैं. दलमा राजा ने बताया कि पूर्वजों की परंपरा के अनुसार शिकार पर्व के दिन सभी जड़ी-बूटी की भी खोज एवं सिंहराय शिक्षा प्राप्त करने जंगल जाते हैं. इसके तहत परंपरा की जानकारी पहली बार शिकार पर गए लोगों को प्रदान की जाती है. इस दौरान दलमा रेंज के डीएफओ अभिषेक कुमार और रेंजर दिनेश चंद्रा ने सेंदरा वीरों से शिकार पर्व नहीं मनाने और जंगली जानवरों का शिकार नहीं करने की अपील की. इस दौरान सेंदरा वीरों को लघु फिल्म भी दिखाई गई.
प. बंगाल, ओडिशा एवं बिहार के सेंदरा वीरों को भेजा गया न्यौता
[caption id="attachment_285687" align="aligncenter" width="600"]alt="" width="600" height="308" /> दलमा राजा के आवास पर बैठक करते सेंदरा समिति के सदस्य.[/caption] शिकार पर्व की तिथि तय होने के बाद इसकी जानकारी सभी सेंदरा वीरों को भेजने की कार्रवाई शुरू की गई. इस पर्व में झारखंड के अलावे बिहार, प. बंगाल एवं ओड़िसा के सेंदरा वीरों को शामिल होने के लिए न्योता भेजा गया. दस हजार सेंदरा वीरों के शामिल होने की उम्मीद है. बैठक में दलमा राजा की पत्नी, दलमा बुरू सेंदरा समिति के सलाहकार डेमका सोय, जेना जामुदा, राजेश सामंत, बेंडो बरजो, सुकरा बरजो, लिटा बानसिंह, धानु मार्डी, रौशन पुर्ति, भूपति सरदार, लगन सामद, छोटे सरदार, भगत मुर्मू, सुशील मुर्मू, धीरेन मार्डि, मोहन गगराई, सेलाई गगराई, के अलावा दलमा रेंज के डीएफओ अभिषेक कुमार और रेंजर दिनेश चंद्रा भी उपस्थित रहे. इसे भी पढ़ें: जमशेदपुर:">https://lagatar.in/jamshedpur-sdm-adm-inspected-the-routes-fixed-from-potka-to-jugsalai/">जमशेदपुर:
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