Jamshedpur (Rohit Kumar) : चंद्रयान 3 की सफलता का जश्न पूरा देश मना रहा
है. इसकी सफलता में जमशेदपुर के युवा वैज्ञानिक आशीष कुमार शर्मा का भी योगदान
है. आशीष चंद्रयान 3 के मिशन में ट्रैकिंग टीम में शामिल
थे. चंद्रयान 3 की लांचिंग से लेकर लैंडिंग तक आशीष ने नजर बनाए
रखी. आशीष के इस योगदान ने जमशेदपुर का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया
है. जमशेदपुर के परसुडीह के शिव मंदिर लाइन से निकलकर इसरो तक का सफर आशीष के लिए काफी कठिन रहा
है. आशीष के पिता कन्हैया शर्मा
न्यूवोको कंपनी में कार्यरत हैं, जबकि उसकी मां प्रतिमा शर्मा एक गृहिणी
हैं. आशीष दो भाइयों में सबसे
बड़ा है. छोटा भाई अमित कुमार शर्मा पढ़ाई करता
है. नवंबर माह में ही आशीष की शादी
किरीबुरू में हुई
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: छोटानागरा में बिजली आपूर्ति बाधित रहने से ग्रामीण परेशान एनआईटी जमशेदपुर के छात्र रहे हैं आशीष

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alt="" width="600" height="400" /> आशीष के पिता कन्हैया ने बताया कि आशीष बचपन से ही पढ़ने में काफी तेज
था. शुरुआत से ही उसका रुझान मशीनों में रहा
है. आशीष की प्रारंभिक शिक्षा बर्मामाइंस के सिस्टर निवेदिता स्कूल से पूरी हुई और फिर
पोखारी के नेताजी पब्लिक स्कूल से
12वीं तक की पढ़ाई पूरी
की. इसके बाद एनआईटी जमशेदपुर से साल 2015 में बीटेक की डिग्री हासिल
की. पिता ने बताया कि शिक्षकों ने आशीष का काफी हौसला बढ़ाया
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: प्रशासक ने अधिकारियों के साथ किया सीवरेज कार्य का निरीक्षण नहीं की 5.25 लाख पैकेज की नौकरी
कन्हैया शर्मा ने बताया कि एनआईटी जमशेदपुर से आशीष को एक सॉफ्टवेयर कंपनी में ऑफर मिल रहा था, जिसे उसने ठुकरा
दिया. आशीष शुरुआत से ही देश के लिए काम करना चाहता
था. इसी बीच साल 2016 में इसरो में नियुक्ति
निकली. तीन चरण में परीक्षा होने के बाद आखिरकार एक ही बार में आशीष ने इसरो में योगदान
दिया. चंद्रयान 2 मिशन में भी आशीष शामिल
था. कन्हैया कहते हैं कि इसरो के आगामी मिशन में भी आशीष अपना योगदान दे सकता
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