Jamshedpur (Dharmendra Kumar) : एक्सएलआरआई में पीजीडीएम (जीएम) बैच 2023-24 द्वारा 22 जुलाई को “भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर और फिनटेक” विषय पर डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया. डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन पर एक्सएलआरआई के रि-एनविजन कॉन्क्लेव में सीओओ, निदेशकों, संस्थापकों, डिजिटल प्रमुखों, प्रबंध निदेशकों, देश प्रमुखों और महाप्रबंधकों सहित बैंकिंग, प्रौद्योगिकी और सरकारी पेशेवरों का एक प्रतिष्ठित पैनल शामिल हुआ.
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कॉन्क्लेव की शुरुआत फादर एस जॉर्ज के भाषण से हुई. इस अवसर पर रिवोल्यूट के सीईओ इंडिया परोमा चटर्जी ने भारत के डिजिटल परिवर्तन पर अपने विचार रखे. उन्होंने पहला मोबाइल वॉयलेट लाइसेंस बनाने, बाढ़-प्रवण क्षेत्रों में बैंक रहित लोगों को सशक्त बनाने के प्रयासों पर प्रकाश डाला. आधार कार्ड, जनधन बैंक खाता और खाता एग्रीगेटर प्रणाली की शुरुआत करके, डिजिटल लेनदेन में क्रांति ला दी. चटर्जी ने डिजिटल पहचान सत्यापन के लिए आधार की सफलता और छोटे पैमाने के विक्रेताओं के व्यवसाय विस्तार पर पड़ने वाले इसके प्रभाव को विस्तार से बताया.
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उन्होंने एमएसएमई के विकास को समर्थन देने वाले पी2पी मनी ट्रांसफर और डिजिटल ऋण पर जोर दिया. उनके ज्ञानवर्धक विचार ने भारत की डिजिटल प्रगति और विभिन्न क्षेत्रों में इसके महत्वपूर्ण लाभों को प्रदर्शित किया. कॉन्क्लेव में ट्रांसबैंक संस्थापक और सीईओ वैभव तांबे, भारत पे, मर्चेंट लेंडिंग के मुख्य व्यवसाय अधिकारी ध्रुव धनराज बहल, टाटा डिजिटल के मुख्य रणनीति एवं व्यवसाय अधिकारी और संस्थापक सदस्य गौरव हजरती, वॉलमार्ट ग्लोबल टेक इंडिया के निदेशक-उत्पाद प्रबंधन अभिषेक राजन ने अपने विचार रखे.
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