Jamshedpur (Vishwajeet Bhatt) : जमशेदपुर में सैरात बाजार की दुकानों की अवैध खरीद-बिक्री का खेल इतना बड़ा है कि इसमें विभाग के सचिव और उपायुक्त के आदेश को भी इस खेल के खिलाड़ी ठेंगे पर रख रहे हैं. रांची से विभागीय सचिव के यहां से पत्र आने के बाद उपायुक्त ने सैरात बाजार की दुकानों की अवैध खरीद-बिक्री करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एडीएम लॉ एंड ऑर्डर के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया. इसके साथ ही जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति, टाटा स्टील लैंड डिपार्टमेंट और जिला अवर निबंधक से प्रतिवेदन मांगा. 13 अगस्त को उपायुक्त के यहां चिट्ठी भेजे जाने के बावजूद किसी ने भी अपना जवाब नहीं भेजा. न ही कमेटी ही हरकत में आई. उपायुक्त ने पांच सितंबर को फिर से नये सिर से सबको रिमाइंडर भेजा है. अब देखना है कि पहली चिट्ठी के जैसे ही इस रिमाइंडर को भी सभी दबा के बैठ जाते हैं या कोई नजीता सामने आता है. दूसरी ओर, राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग से इसकी शिकायत करने वाले आरटीआई कार्यकर्ता सदन ठाकुर ने उपायुक्त कार्यालय को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि यदि सितंबर माह में भी कुछ नहीं हुआ तो वे थक हार कर टाटा स्टील लैंड डिपार्टमेंट, जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति, जिला अवर निबंधक व दुकानों की खरीद-बिक्री करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराएंगे.
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राजस्व निबंधन व भूमि सुधार विभाग ने दिया था कार्रवाई का आदेश
राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के अवर सचिव शिव शंकर हांसदा ने पूर्वी सिंहभूम की उपायुक्त विजया जाधव को पत्र लिखकर जमशेदपुर में बनी 10 सैरात बाजारों की छोटी-बड़ी दुकानों की अवैध खरीद-बिक्री की उचित जांच कर कार्रवाई से विभाग को अवगत कराने का निर्देश दिया था. उल्लेखनीय है कि शहर की सभी 10 सैरात बाजारों में दुकानों की अवैध खरीद-बिक्री के खेल को उजागर करते हुए lagatar.in ने कुल चार कड़ियों में खबर प्रकाशित की थी. इन्हीं खबरों को आधार बनाकर आरटीआई कार्यकर्ता व बाल मजदूर मुक्ति सेवा संस्थान के मुख्य संयोजक सदन ठाकुर ने राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग को पत्र लिखकर सैरात की दुकानों को बेचने वाले दुकानदार, नामांतरण करने वाला टाटा स्टील का लैंड डिपार्टमेंट और इन दुकानों का निबंधन करने वाले जमशेदपुर जिला अवर निबंधक के खिलाफ सरकारी संपत्ति बेचने का मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी. राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के अवर सचिव ने कार्रवाई करने के लिये पिछले दो अगस्त को ही पत्र डाक द्वारा उपायुक्त को भेज दिया था.
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अवैध खरीद-बिक्री से सरकार को करोड़ों के राजस्व का नुकसान
इस मामले पर सदन ठाकुर ने बताया था कि सभी सैरात बाजार की लगभग 80 प्रतिशत दुकानों को कई बार बेचा और खरीदा गया. इस अवैध खरीद-बिक्री के कारण सरकार को भी करोड़ों रुपये राजस्व का नुकसान हुआ. सदन ठाकुर ने पत्र में मांग की है कि जिन दुकानदारों ने अपनी दुकानें बेची हैं, उन सभी दुकानों को सरकार वापस ले और जिला अवर निबंधक के साथ ही टाटा स्टील के लैंड डिपार्टमेंट के अधिकारियों के खिलाफ सरकारी संपत्ति बेचने का मुकदमा दर्ज किया जाए.
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इधर, जेएनएसी खेल रहा दुकानें सील करने व खोलने का खेल
एक तरफ जहां जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति उपायुक्त कार्यालय से मांगा गया प्रतिवेदन देने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रही है, वहीं दूसरी तरफ सैरात बाजार की दुकानें सील करने और फिर मामला सेट हो जाने के बाद फिर सील हटा देने का खेल खेल रही है. पिछले एक सितंबर को ही बिष्टुपुर में दुकान संख्या 8ए, 9ए व 10ए को समिति के उड़नदस्ते ने सील कर दिया. ऐसा नहीं है पहली बार दुकानों को सील किया गया है. इसके पहले भी कई दर्जन दुकानों को सील किया गया. फिर कुछ दिन बाद ही सील हटा दिया गया. उम्मीद की जा रही है कि जैसा पहले हुआ है, वैसा ही हालिया सील की दुकानों के साथ भी जल्द होगा.
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नगर विकास विभाग से आया एक और पत्र
गत 28 जुलाई को नगर विकास विभाग के अवर सचिव बशीर अहमद ने उपायुक्त विजया जाधव को एक पत्र भेजा था. इसमें भी शिकायतकर्ता सदन ठाकुर ही हैं. ये मामला नोटरी एग्रीमेंट पर बिना खाता नंबर व प्लॉट नंबर के जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र द्वारा नक्शा पास करने का है. पत्र में कहा गया है कि साकची बाजार क्षेत्र में होल्डिंग नंबर 21 जो रेसिडेंशियल सह कामर्शियल है, को टाटा स्टील लैंड डिपार्ट ने बजरंगी अग्रवाल को एलॉट किया. बजरंगी ने उमा अग्रवाल को उपहार में दिया. उमा ने इसको नोटरी एग्रीमेंट पर दो करोड़ रुपये में नरेश मेहता को बेच दिया. जेएनएसी ने बिना खाता-प्लॉट नंबर के नक्शा भी पास कर दिया. विभागीय सचिव का पत्र मिलने के बाद डीसी ने इसकी जांच की जिम्मेदारी भूमि सुधार उप समाहर्ता को दी. लेकिन वे भी अभी चुप्पी साधकर बैठे हैं.
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