: सिंहभूम चैंबर में कोल्हान व राज्य के औद्योगिक विकास पर व्यापक चर्चा 6 जुलाई को
आदिवासी समुदाय को बरगला रहे हेमंत सोरेन
बिमो मुर्मू ने बताया कि संताली को प्रथम राजभाषा एवं ओलचिकी मामले में हेमंत सोरेन झारखंड के आदिवासियों को बरगला रहे हैं. राजभाषा का दर्जा देना राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में है. सरकार अनुच्छेद 345 के तहत संताली भाषा को झारखंड की प्रथम राजभाषा बना सकती है. इसी तरह झारखंड के स्कूलों में संताली में पढ़ाई के लिए ओलचिकी लिपि में पाठ्य पुस्कतें सरकार छपवा सकती है, शिक्षकों की बहाली कर सकती है. लेकिन सरकार जान बुझकर इस मामले में लटकाकर रखी है तथा आदिवासियों को बरगला रही है. सरना धर्म कोड मामले में सरकार ने विधानसभा से सरना आदिवासी धर्म कोड बिल बिना राज्यपाल के हस्ताक्षर के केंद्र सरकार को भेज दिया. इसका मतलब है कि उपरोक्त मामले में सरकार की मंशा साफ नहीं है. इसे भी पढ़ें : चाकुलिया">https://lagatar.in/chakulia-26-villagers-have-died-in-elephant-attacks-since-may-2018-dozens-have-been-injured/">चाकुलिया: हाथियों के हमले में मई 2018 से अब तक 26 ग्रामीणों की हुई मौत, दर्जनों हुए हैं घायल [wpse_comments_template]
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