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इन मापदंडों की जांच की गई
[caption id="attachment_684007" align="aligncenter" width="300"]alt="" width="300" height="200" /> जुबिली पार्क तालाब में मरीं मछलियां[/caption] विभाग से आयी चार सदस्यीय टीम ने जयंती सरोवर के पानी एवं गाद का दो-दो सैंपल कलेक्ट किया था. प्रयोगशाला में दोनों सैंपल की जांच की गई. जिसके रिजल्ट लगभग बराबर हैं. लेकिन तालाब में मछलियों के रहने के प्रतिकूल हैं. तालाब का वाटर क्वालिटी पारामीटर के तहत पानी का तापमान 26-32 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए. जबकि पहले सैंपल की जांच में 37.6 तथा दूसरे सैंपल की जांच में 34.4 पाया गया. इसी तरह मापदंड के तहत पानी में घुला हुआ ऑक्सीजन की मात्रा 4 पीपीएम से अधिक होना चाहिए. हालांकि दोनों सैंपल की जांच में ऑक्सीजन की मात्रा इसके बराबर पायी गई. पानी में कार्बनडाइऑक्साइड की मात्रा 15 पीपीएम से कम होनी चाहिए. जबकि जांच में इसकी मात्रा 24 एवं 20 पायी गई. इसी तरह पानी का पीएच मानक 7.3 से 8.5 के बीच होना चाहिए. जबकि जांच में 8.6 एवं 8.5 पाया गया. पानी में अल्कलाइनिटी की मात्रा 60-200 पीपीएम के बीच होनी चाहिए. जबकि जांच में 225 पीपीएम पाया गया. पानी में अमोनिया की मात्रा 0.5 पीपीएम से कम होनी चाहिए. जबकि जांच में 4.0 पीपीएम पाया गया. इसी तरह नाइट्राइट 0.1 पीपीएम से कम होना चाहिए. जबकि जांच में 0.25 पीपीएम पाया गया. वहीं नाइट्रेट 5.0 पीपीएम से कम होना चाहिए. जबकि जांच में 0 पीपीएम (शून्य) पाया गया. इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर">https://lagatar.in/jamshedpur-relief-from-rain-but-water-logging-became-a-disaster-water-entered-the-car-under-sakchi-howrah-bridge/">जमशेदपुर
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जांच में पाए गए यह तथ्य
[caption id="attachment_684008" align="aligncenter" width="300"]alt="" width="300" height="200" /> जुबिली पार्क स्थित तालाब (जयंती सरोवर)[/caption] मतस्य अनुसंधान केंद्र रांची से आयी चार सदस्यीय टीम में मतस्य प्रसार पदाधिकारी (एफईओ) रणविजय कुमार, मतस्य प्रसार पर्यवेक्षक सावन शीला हांसदा तथा दो लैब टेक्निशियन शामिल थे. जांच टीम ने पाया कि तालाब के पानी का रंग हरा है. ऐसा ऑर्गेनिक लोड (जैविक भार) एवं फाइटोप्लैंकटॉन (पादक पल्वक) की मात्रा अधिक होने के कारण होती है. जांच टीम ने तालाब की मिट्टी का रंग काला पाया. जो ऑर्गेनिक मैटर की मात्रा अधिक होने के कारण होती है. इसे भी पढ़ें : आदित्यपुर">https://lagatar.in/adityapur-deep-boring-was-being-done-in-srinath-b-ed-college-action-will-be-taken/">आदित्यपुर
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जांच टीम ने दिए यह सुझाव
[caption id="attachment_684009" align="aligncenter" width="300"]alt="" width="300" height="200" /> तालाब में मरी मछलियों को निकालता मछुआरा[/caption] जांच के बाद टीम ने तालाब का प्रबंधन करने वाली टाटा स्टील यूआईएसएल को कुछ सुझाव दिए हैं. जिसमें तालाब में घुलित ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने लिए वाटर एक्सचेंज (जल विलियन) किया जा सकता है. खासकर शाम के समय एक्रेटर अथवा वाटर पंप का प्रयोग अथवा 02 मैक्ट टैब्लेट 2 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से एवं टॉक्सीमर 10 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से प्रयोग किया जा सकता है. टॉक्सीमर के स्थान पर जूलाइट भी प्रयोग में लाया जा सकता है. इसी तरह पानी में ऑक्सीजन की मात्रा को उच्चतर बनाए रखने से अमोनिया की विषाक्तता को कम किया जा सकता है. जांच टीम ने स्थिति में सुधार होने तक मछलियों को खाना देने से परहेज की नसीहत दी है. इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर">https://lagatar.in/jamshedpur-waterlogging-became-a-problem-a-young-man-fell-into-a-drain-along-with-his-scooty-people-saved/">जमशेदपुर
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