Jamshedpur : झारखंड के इतिहास में पहली बार आठ करोड़ ठगी करने के मामले में पांच साइबर अपराधियों को सजा सुनाकर जमशेदपुर कोर्ट ने फैसला सुनाया है. विशेष अदालत एडीजे टू अजीत सिंह की अदालत ने 26 अगस्त को पांच युवकों को दोषी ठहराया था. मंगलवार को उन्हें सात साल व 16 लाख रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है. जुर्माना नहीं देने पर अतिरिक्त सजा सुनाई जाएगी. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक लोक अभियोजक श्याम कुमार महतो ने बहस की थी. दोषी अपराधियों में शंकोसाई निवासी महेश कुमार पोद्दार, एलआईसी कॉलोनी घाटशिला निवासी प्रदीप मजुमदार, बागुनहातु निवासी मंतोष पोद्दार, भिलाई पहाड़ी का सोनू कुमार महतो व नालंदा विहार कॉलोनी रितेश कुमार शामिल हैं. सभी साइबर अपराधी सोशल मीडिया पर व ऑनलाइन ब्रांडेड सामान का विज्ञापन निकालकर नकली सामान भेजने का काम करते थे. उसके बाद सामान वापस करने और रिफंड करने के नाम पर लोगों से बैंक खाते की जानकारी लेते थे. लोगों से मोबाइल टावर लगाने, नौकरी व नकद देने का प्रलोभन देकर लक्की ड्रॉ के विजेता का प्रलोभन देकर एकाउंट की जानकारी लेकर साइबर ठगी करते थे. आरोपियों ने कई लोगों का खाता हैक कर अपने खाते में रुपए ट्रांसफर किए. गिरोह के मुख्य सदस्य प्रदीप मजुमदार के खाते में छह माह में करीब एक करोड़ रुपए का ट्रांजक्शन हुआ था. वहीं, सोनू महतो के खाते में 10 लाख रुपए मिले, जिसे सीज कर लिया गया था.
क्या थी घटना
घटना दो जनवरी 2020 की है. इंडियन बैंक जमशेदपुर के ब्रांच मैनेजर संजय कुमार सिन्हा के बयान पर बिष्टुपुर साइबर थाना में मामला दर्ज किया गया था. सोनू बैंक में खाता अपडेट कराने गया था. बैंक कर्मचारियों को उसके खाते से 29 जून 2019 से 2 जनवरी 2020 तक का ट्रांजक्शन देख संदेह हुआ तो कर्मियों ने उसे पकड़ लिया. इसकी जानकारी पुलिस को दी. पुलिस ने उससे पूछताछ की तो उसने खुलासा किया.