: सीरियल क्राइम पुलिस के लिये बनी पहेली, अंधेरे में तीर मार रही है पुलिस टीम
नए गिरोह का मोडस ऑपरेंडी है बिल्कुल अलग
नये गिरोह के मोडस ऑपरेंडी की बात करें तो वह बिल्कुल ही अलग है. हाल के दिनों में घटी घटनाओं के हिसाब से नया गिरोह में दो बदमाश ही सामने आता है और घटना को अंजाम देता है. बाकी दूर खड़ा रहकर रेकी करता है और पुलिस की गतिविधियों पर नजर भी रखता है. सीसीटीवी फुटेज में भी सिर्फ दो ही बदमाश नजर आते हैं. पुलिस ने इसमें से एक घटना में इन बदमाशों के सीसीटीवी फुटेज को भी सार्वजनिक किया है. लेकिन उसे गिरफ्तार करने में पुलिस को अभी तक सफलता हाथ नहीं लगी है. अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस गिरोह का शातिर तो पुराना है लेकिन घटना को अंजाम देने वाले बदमाशों का चेहरा बिल्कुल ही नया है. यह किसी अपराधिक मामले में छूट कर बाहर आए होंगे और उसी से इस तरह के कार्य कराए जा रहे होंगे. जिसका आभास पुलिस टीम नहीं लगा पा रही है. हो सकता है मामले को उद्भेदन होने में पुलिस को और समय लग जाए.जोगा राव भी कभी पुलिस के लिये था नया चेहरा
शहर में दो दशक पहले जोगा राव के खिलाफ रेल क्षेत्र में ठेका हथियाने को लेकर फायरिंग करने, रंगदारी मांगने और धमकी देने समेत कई मामले थाने में तब दर्ज कराए गए थे. अपराध की दुनिया में अपना पैर जमा चुके जोगा राव को भी शहर की पुलिस नहीं पहचानती थी. तब पुलिस के लिए जोगा राव पहेली बना हुआ था. इसी तरह से जुगसलाई का रहने वाले संतोष दुबे भी पुलिस के लिये पहेली बना हुआ था. दोनों को गिरफ्तार करने में पुलिस को काफी समय लग गया था. कुछ इसी तरह के तार तो शहर के सीरियल क्राइम से नहीं जुड़े हुए हैं. इसका अंदेशा अब जानकार लगाने लगे हैं.साउथ से आकर लोको कॉलोनी में छिपा हुआ था जोगा राव
जोगा राव की गिरफ्तारी के बाद यह खुलासा शहर की पुलिस ने किया था कि वह मूल रूप से साउथ का रहने वाला है और लोको कॉलोनी में आकर अपना डेरा जमाए हुए था. उसकी गिरफ्तारी के लिए तत्कालीन थाना प्रभारी अरविंद कुमार सिंह ने काफी प्रयास किया था लेकिन उसे गिरफ्तार करने में तत्कालीन थाना प्रभारी अशोक कुमार को सफलता मिली थी. इसके बाद उसकी पहचान परसुडीह ग्वालापट्टी में रहने वाले राजद नेता स्व. सिकंदर यादव ने की थी. इसके बाद पुलिस ने राहत की सांस ली थी.सालगाझड़ी रेलवे फाटक के पास से हुई थी गिरफ्तारी
जोगा राव की गिरफ्तारी सालगाझड़ी रेलवे फाटक के पास से हुई थी. तब परसुडीह पुलिस की ओर से देर रात चेकिंग अभियान चलाया जा रहा था. इस दौरान ही उसे पुलिस ने बाइक के साथ पकड़ा था. पुलिस गिरफ्त में आने के बाद वह लघुशंका करने के बहाने भागने लगा था. इसपर पुलिस को आशंका हुई थी और उसे लेकर थाने पर पहुंची थी. थाने पर लाने के बाद जब उसकी पहचान मुखबिर ने की तब पुलिस भी भौचक रह गयी थी.एक दशक पहले संतोष दुबे का चेहरा भी था अनजान
एक दशक पहले की बात करें तो जुगसलाई का रहने वाला संतोष दुबे भी पुलिस के लिए पहेली बना हुआ था. जब सीरियल क्राइम 2009 से 2010 के बीच हो रही थी तब पुलिस के लिए मामले का उद्भेदन करना पहेली बना हुआ था. जब संतोष दुबे की गिरफ्तारी हुई तब पता चला कि संतोष दुबे परमजीत गैंग का आदमी है और उसे अखिलेश सिंह के पैरलल में खड़ा किया गया है. वर्तमान में संतोष दुबे उम्रकैद की सजा काट रहा है. उसके खिलाफ हत्या, फायरिंग, रंगदारी समेत कई मामले शहर के अलग-अलग थाने में दर्ज है. इसे भी पढ़ें: एकता">https://lagatar.in/ekta-kapoor-was-kidnapped-at-gunpoint-by-goons-paparazzi-also-threatened-video-viral/">एकताकपूर को गुंडों ने किया बंदूक की नोक पर किडनैप! पैपराजी को भी धमकाया, वीडियो वायरल [wpse_comments_template]

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