- सीएसआईआर-एनएमएल ने ई-कचरा निष्पादन के लिए रिसाइक्लिंग कंपनी नोवासेंसा से किया करार
Jamshedpur (Anand Mishra) : जमशेदपुर के बर्मामाइंस स्थित राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (एनएमएन) ने मंगलवार को नयी दिल्ली की कंपनी मेसर्स नोवासेंसा प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक एमओयू किय. इसके तहत एनएमएल कंपनी को ई-वेस्ट रिसाइक्लिंग प्लांट स्थापित करने के लिए तकनीक प्रदान करेगा. कहा जाये, तो एनएमएस नोवासेंसा प्राइवेट लिमिटेड को खराब बैटरी की रिसाइक्लिंग एवं प्रिंटेड सर्किट बोर्ड को लेकर तकनीक हस्तांतरण करेगा. नोवासेंसा ई-कचरा की प्रोसेसिंग कर कीमती एवं बहुमूल्य धातु जैसे गोल्ड, लिथियम, कोबाल्ट, मैगनीज, निकिल, कॉपर, अल्युमीनियम और ग्रेफाइट निकालगी. यह रिसाइक्लिंग प्लांट पूर्ण रूप से ई-वेस्ट के लिए बहुमूल्य होगा, क्योंकि यह रिसाइक्लिंग जीरो वेस्ट कॉसेप्ट पर कार्य करेगी.
इसे भी पढ़ें : JTET परीक्षा पर दायर याचिका पर HC में हुई सुनवाई, कोर्ट ने पूछा – अब तक परीक्षा क्यों नहीं हुई
इस अवसर पर नोवासेंसा प्राइवेट लिमिटेड के सह-संस्थापक और सीईओ असीम त्रिवेदी ने बताया कि वह अपने व्यवसाय का विस्तार करते हुए अब ई-कचरा रिसाइक्लिंग के व्यवसाय में प्रवेश कर रहे हैं. सीमित प्राकृतिक संसाधनों की अत्यधिक चिंता को ध्यान में रखते हुए उन्होंने कहा कि प्रदूषण मुक्त समाज बनाने के साथ ही भावी पीढ़ी के लिए प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करके देश की सेवा करने के लिए ई-कचरा रिसाइक्लिंग तकनीक लेकर एवं सीएसआईआर एनएमएन का हिस्सा बनकर बहुत खुशी हो रही है. एनएमएल के निदेशक डॉ अवनीश कुमार श्रीवास्तव ने खुशी व्यक्त की और कहा कि हाल के दिनों में एनएमएल ने कई स्वदेशी तकनीकें भारतीय कंपनियों को हस्तांतरित की है. उन्होंने आशा जतायी कि देश को कचरा मुक्त बनाने के लिए भविष्य में एनएमएल अधिक से अधिक प्रौद्योगिकी स्थानांतरित करेगा.
इसे भी पढ़ें : हजारों लोगों ने मिजोरम में मणिपुर हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन किया, मुख्यमंत्री भी हुए शामिल
एनएलएल की ओर से बताया गया है कि तकनीकी पर्यावरण अनुकूल है एवं इसके सही निष्पादन से पर्यावरण स्वच्छ होगा. बेरोजगार युवकों को नौकरी मिलेगी एवं असंगठित इकाई संगठित होकर कपड़ा उठाव एवं निष्पादन इस प्लान्ट के द्वारा कर सकेंगी. म्यूनिसपल इकाइयां भी इस कंपनी से संपर्क कर कचरा निष्पादन कर कर सकेंगी. इस अवसर पर एनएमएल के निदेशक डॉ अवनीश कुमार श्रीवास्तव, परियोजना प्रमुख डॉ मनीष कुमार झा, प्रभाग प्रमुख डॉ संजय कुमार, डॉ झुमकी हैत, डॉ रंजीत कुमार सिंह समेत टीम शोधार्थी डॉ रेखा पांडा, ओम शंकर दिनकर, रुखसाना परवीन ने एमओयू में योगदान किया. इनके अलावा व्यापार प्रमुख डॉ एसके पाल और डॉ वीणा कुमारी, डॉ अंजनी कुमार साहू इस अवसर पर उपस्थित थे.