Jamshedpur : जमशेदपुर में आयोजित चतुर्थ बाल मेला–2025 को संबोधित करते हुए राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि वर्ष 2022 में विधायक सरयू राय की पहल पर शुरू हुआ यह बाल मेला आज बच्चों के अधिकार, पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य के प्रति जन-जागरण का प्रभावी मंच बन चुका है.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बाल दिवस (14 नवंबर) से विश्व बाल दिवस (20 नवंबर) तक चलने वाला यह आयोजन बच्चों की मासूमियत, उम्मीदों और उनके उज्ज्वल भविष्य का उत्सव है.
राज्यपाल ने बताया कि इस वर्ष विश्व बाल दिवस की थीम ‘प्यार से पालन-पोषण – विश्व का नेतृत्व’ बच्चों के लिए सुरक्षित और संवेदनशील वातावरण की आवश्यकता पर बल देती है.
उन्होंने झारखंड सहित कई राज्यों में कुपोषण, कम वजन और एनीमिया की गंभीर स्थिति पर चिंता व्यक्त की तथा कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश कुपोषण-मुक्त भारत की दिशा में आगे बढ़ रहा है. झारखंड में भी इन प्रयासों को तेज करने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि बाल मेला एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि ऐसा सामूहिक प्रयास है जिसमें माता-पिता, शिक्षक, स्वास्थ्यकर्मी, जनप्रतिनिधि, सामाजिक संस्थाएं और नागरिक समाज सभी की भागीदारी शामिल है. राज्यपाल ने बताया कि जनजातीय समाज की परंपरा बच्चा केवल परिवार का नहीं, पूरे समुदाय का होता है दुनिया को सामुदायिक सहयोग का अनूठा संदेश देती है.
उन्होंने कहा कि राज्य के सुदूर क्षेत्रों में घूमने के दौरान उन्हें बच्चों की रचनात्मकता, खेल प्रतिभा, संगीत-नृत्य की समझ और प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता स्पष्ट रूप से दिखाई देती है.
राज्यपाल ने बालिका शिक्षा को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि शिक्षित बेटी ही शिक्षित परिवार और सशक्त समाज की नींव है. अंत में उन्होंने कहा कि बच्चे केवल भविष्य नहीं, बल्कि आज की प्राथमिकता हैं, इसलिए ऐसा वातावरण बनाना सभी की जिम्मेदारी है जहां राज्य का हर बच्चा स्वस्थ, सुरक्षित, शिक्षित और खुशहाल होकर आगे बढ़ सके.


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