Jamshedpur (Rohit Kumar) : सोनारी गुरुद्वारा के प्रधान पद का चुनाव 30 अप्रैल को होना है. इस बार प्रधान पद के लिए दो भाई आमने-सामने हैं. एक ओर सरदार तारा सिंह (चुनाव चिन्ह शेर) और दूसरी ओर उनके भाई बलबीर सिंह गिल (चुनाव चिन्ह उगता सूरज) मैदान में हैं. चुनाव से पूर्व प्रधान पद के उम्मीदवार सरदार तारा सिंह ने सोनारी गुरुद्वारा परिसर में एक प्रेस वार्ता बुलाई. इसमें उन्होंने अपने कार्यकाल की उपलब्धियां और जीत के बाद करने वाले कामों को सार्वजनिक किया. उन्होंने कहा कि पूर्व में उन्होंने परिसर में 12 एसी लगवाए हैं. जीत के बाद वे और एसी लगवाएंगे, जिसके लिए बिजली की खपत भी बढ़ेगी. उस खपत को पूरा करने के लिए सोलर पैनल लगवाए जाएंगे. इसके अलावा गुरुद्वारा में वाहनों को रखने के लिए शेड और मुख्य द्वार बनवाएंगे. वहीं गुरुद्वारा के बाउंड्री वॉल को भी पूरा करना है. उन्होंने कहा कि शहर में कई मिशनरी स्कूल हैं, जहां सिखों के बच्चों को दाखिला नहीं मिलता है. जीत के बाद उनकी यह कोशिश रहेगी कि इन स्कूलों में भी बच्चों को दाखिला मिले और सिख समाज के लिए एक स्कूल का भी निर्माण करवाना उनकी प्राथमिकता रहेगी.
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दो भाइयों के बीच फूट डालना चाहता है गुरदयाल सिंह
सरदार तारा सिंह ने कहा कि ये लड़ाई दो भाइयों की नहीं है. यह गुरदयाल सिंह की एक साजिश है. गुरदयाल सिंह उनके भाई को माध्यम बनाकर खुद गुरुद्वारा पर कब्जा करना चाहता है, जो वह कतई नहीं होने देंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि धार्मिक स्क्रूटनी में अकाली दल ने साथी उम्मीदवारों को साजिश के तहत फेल कर दिया. सरदार गुरुशरण सिंह गोलन के टाइटल की वजह से उन्हें चुनाव नहीं लड़ने दिया गया. तारा सिंह ने कहा कि 2010 में सोनारी गुरुद्वारा के ट्रस्टियों का अस्तित्व गुरदयाल सिंह ने खत्म कर दिया था, ताकि वह अपनी मनमानी कर सकें. चुनाव जीतने के बाद वे सबसे पहले ट्रस्टियों को फिर से बहाल करेंगे, ताकि सारे काम ट्रस्टियों की देखरेख में हो.
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बोगस वोट होने पर रद्द करेंगे चुनाव
मौके पर मौजूद गुरशरण सिंह गोलन ने कहा कि 2010 से पूर्व गुरुद्वारा में मतदान की प्रथा नहीं थी. एजीएम के माध्यम से प्रधान का चुनाव किया जाता था. अब फिर से एजीएम के माध्यम से ही प्रधान चुना जाए. चुनाव में कुल 389 वोटर हैं. अगर एक भी बोगस वोट पड़ा तो पूरे चुनाव को रद्द करना होगा. मौके पर सिख स्त्री सत्संग सभा की फाउंडर मेंबर बीबी जसवंत कौर, बीबी कमलेश कौर, मलिंदर सिंह, सोनू भाटिया. हरजीत सिंह विरदी, रविंद्र सिंह रवि, सुखविंदर सिंह, कश्मीर सिंह, मनरूप सिंह, शमशेर सिंह के अलावा अन्य लोग उपस्थित थे.
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