अधिग्रहण कानून 2013 में रघुवर सरकार के किये गए संशोधन को वापस लेगी हेमंत सरकार
खतियान आधारित स्थानीय नीति की मांग करने वाले हो जायें सावधान
दूसरी तरफ खतियान आधारित स्थानीय नीति की मांग करने वालों को भी अब झारखंड हाई कोर्ट के 27 नवंबर 2002 के फैसले को ठीक से पढ़ लेना चाहिये. समझ लेना चाहिये अन्यथा वे भी 1932 के खतियान के भूल भुलैया में जनता के साथ धोखेबाजी का ही काम कर सकते हैं.सीएम कौ सौंपा था झारखंडी डोमिसाइल का जन प्रारूप
पहली बार मुख्यमंत्री बनने के दौरान हेमंत सोरेन को 23 अगस्त 2013 को हमने "झारखंडी डोमिसाइल का जन प्रारूप" बनाकर प्रस्तुत किया था. जो एक पुस्तिका के रूप में झारखंड एक्सप्रेस, रांची द्वारा प्रकाशित हुआ है. इसमें झारखंडी डोमिसाइल का आधार झारखंडी भाषा, संस्कृति और परंपरा आदि को विचारार्थ प्रस्तुत किया गया है. जिसे झारखंड हाई कोर्ट ने भी खुद अपने फैसले के पारा 9(1), पारा 13 और पारा 55(¡¡) में उद्धरित किया है. उम्मीद है आज की झारखंड सरकार नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देगी. नया चुनाव होगा. नया झारखंड बनेगा. झारखंडी जन एकजुट होकर यूपीए और एनडीए से इतर झारखंडीजनों के सपनों का झारखंड अबुआ दिसुम अबुआ राज बनायेंगे. इसे भी पढ़ें : जोनल">https://lagatar.in/zonal-commander-bhikhan-ganjhu-disclosed-tpc-organization-uses-weapons-imported-from-nagaland/">जोनलकमांडर भीखन गंझू का खुलासा – TPC संगठन नागालैंड से मंगाये हथियारों का करता है उपयोग [wpdiscuz-feedback id="hrlucgg9rd" question="Please leave a feedback on this" opened="0"][/wpdiscuz-feedback]

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