Jamshedpur (Anand Mishra) : नए साल में सरदार गुरदीप सिंह पप्पू, सरदार गुरदेव सिंह राजा एवं सरदार अजीत सिंह गंभीर सहित दर्जन लोगों के लिए झारखंड उच्च न्यायालय से अच्छी खबर आई है. इनके खिलाफ साकची थाना में साल 2017 में प्राथमिकी दर्ज की गई थी उसे न्यायमूर्ति अनिल कुमार चौधरी के न्यायालय ने खारिज कर दिया है. जानकारी के अनुसार साकची इलाका में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चल रहा था और तत्कालीन झारखंड अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष गुरदेव सिंह राजा का कार्यालय को भी तोड़ा गया था. इससे उनके समर्थकों में आक्रोश था और उन्होंने इस अभियान का विरोध करते हुए सड़क जाम किया था. इस मामले में अधिसूचित क्षेत्र समिति के नगर पदाधिकारी एवं साकची के थाना प्रभारी पुलिस निरीक्षक मदन मोहन शर्मा द्वारा दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
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स्थानीय न्यायालय में दोनों मामलों में संज्ञान लिया गया और आरोपियों के खिलाफ वारंट जारी कर दिए गए. इसके विरोध में झारखंड सिख विकास मंच के अध्यक्ष सरदार गुरदीप सिंह पप्पू, गुरदेव सिंह राजा एवं केंद्रीय गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के कैशियर अजीत सिंह गंभीर ने झारखंड उच्च न्यायालय की शरण ली. क्रिमिनल मिस पिटीशन नंबर 1346/ 2020 में याचिकाकर्ताओं का पक्ष अधिवक्ता सुरभि ने रखा. अधिवक्ता सुरभि ने कृष्ण लाल चावला बनाम उत्तर प्रदेश एवं बाबू भाई बनाम गुजरात का हवाला देते हुए झारखंड उच्च न्यायालय में बताया कि दोनों प्राथमिकी में घटना, घटनास्थल, आरोपी, एवं तथ्य समान है.
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ऐसे में दूसरी प्राथमिकी अर्थात पुलिस कांड संख्या 153/2017 को खारिज कर दिया जाना चाहिए. झारखंड उच्च न्यायालय की एकल खंडपीठ याचिकाकर्ताओं के तर्क से सहमत हुई और पुलिस कांड संख्या 153/ 2017 को खारिज कर दिया. अब आरोपियों के खिलाफ जिला व्यवहार न्यायालय में कांड संख्या 152/2017 में सुनवाई जारी रहेगी. उच्च न्यायालय के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए गुरदीप सिंह पप्पू ने कहा कि साजिश के तहत नाम दिए गए थे. इस मामले में भाजपा नेता रिखराज सिंह रिकी, कृतीजीत सिंह रॉकी, प्रिंस सिंह, हरदयाल सिंह, ध्रुव मिश्रा, महेंद्र सिंह भी आरोपी बनाए गए थे.