Jamshedpur (Sunil Pandey) : सस्ता, सुलभ एवं त्वरित न्याय की परिकल्पना साकार नहीं होने पर जुगसलाई के उद्यमी सह समाजसेवी श्रवण कुमार अग्रवाला ने प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश को पत्र लिखकर अपनी पीड़ा व्यक्त की. श्रवण कुमार अग्रवाला ने बताया कि 50000 हजार रुपये का चेक बाउंस का एक शिकायतवाद (संख्या-सी1-3472/2009) वर्ष 2009 में दर्ज कराया था. न्यायालय की जटिल प्रक्रिया एवं संचिकाओं का निष्पादन 14 वर्षों बाद भी नहीं हो सका. उद्यमी ने प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश को बताया कि जितनी राशि पाने के लिए उन्होंने कोर्ट का सहारा लिया. उससे कहीं अधिक राशि इन 14 वर्षों में खर्च हो चुकी. इस दौरान उन्हें अपना कीमती समय गवांना पड़ा तथा मानसिक पीड़ा उठानी पड़ी. जिसे अब सहन करना उनके लिए कठिन प्रतीत हो रहा है.
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केस की सुनवाई में भाग लेने से खूद को असमर्थ बताया
श्रवण कुमार अग्रवाला ने बताया चेक बाउंस के मामले के जल्दी निपटारे के लिए उन्होंने क्रिमिनल रिविजन (124/2017) एवं आरटीआई एक्ट 2005 का सहारा लिया. उसके बाद भी मामले का निष्पादन नहीं हो पाया. अभी इसमें कितना वक्त लगेगा कहना मुश्किल है. इसलिए उन्होंने खूद को कोर्ट की सुनवाई में शामिल होने में असमर्थ बताया. प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश क भेजे गए पत्र की प्रतिलिपि सुप्रीम कोर्ट एवं झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के अलावे राष्ट्रपति को भी भेजी है.
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