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जमशेदपुर : जनसुनवाई में बिजली दर में बढ़ोतरी के प्रस्ताव का लोगों ने किया विरोध

Jamshedpur (Dharmendra Kumar) : टाटा स्टील यूआईएसएल की ओर से बिजली दर बढ़ाने के दिये गये प्रस्ताव को लेकर झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग (जेएसईआरसी) द्वारा शुक्रवार को चेंबर भवन में जनसुनवाई की गई. जनसुनवाई के दौरान लोगों ने बिजली की नयी दरों का जोरदार विरोध किया. समाजिक कार्यकर्ता जवाहर लाल शर्मा ने इपना विचार रखते हुए कहा कि टाटा स्टील लीज की शर्तों का खुले आम उल्लंघन कर रही है. उन्होंने कहा कि लीज के शर्तों के अनुसार 10 किलोमीटर के दायरे में टाटा स्टील को नागरिक सुविधा उपलब्ध करना है. लेकिन आज भी ज्यादातर क्षेत्र में लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर है. रविंद्र सिंह वालिया ने कहा कि टीएसयूआईएसएल की सर्विस अच्छी है. ग्राहकों पर ज्यादा बोझ ना बढ़े इसको ध्यान में रखते हुए बिजली दर में बढ़ोतरी की जी सकती है. इसे भी पढ़ें : चांडिल">https://lagatar.in/chandil-bjp-mp-remembered-ajsu-party-as-soon-as-elections-came-near/">चांडिल

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45 दिनों के भीतर आएगा फैसला

सुरेश सोंथालिया, महेश सोंथालिया, आर एस दुग्गल, एस विष्णु द्वारा बिजली दर बढ़ाने के प्रस्ताव का विरोध किया गया. जनसुनवाई में उपस्थित लोगों ने मिलकर इसका विरोध किया. इसको लेकर कई सारे तर्क भी दिये गये. कहा कि इस पर विस्तार से चर्चा किया जाना चाहिए. वहीं, टाटा स्टील के बीपी सिंह ने कंपनी का पक्ष रखते हुए कहा कि चूंकि बिजली की खरीद एवं वितरण में काफी ज्यादा खर्च आ रहा है. इस कारण इस खर्च को पूरा करन के लिए यह कदम उठाना जरूरी है. मौके पर मौजूद झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन न्यायधीश अमिताभ कुमार गुप्ता, सदस्य (टेक्निकल) अतुल कुमार और सदस्य (विधि) महेंद्र प्रसाद ने सभी की बातों को सुना. कहा कि टाटा स्टील की बिजली अच्छी तो है. लेकिन जनभावना के अनुरूप वे फैसला लेंगे. 45 दिनों के भीतर इस मामले में फैसला सुनाने की बात कहीं. इसे भी पढ़ें : चाईबासा">https://lagatar.in/chaibasa-three-arrested-for-stealing-mobile-tower-battery/">चाईबासा

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दस दिनों के भीतर रख सकते है सुझाव

आयोग के सदस्य (विधि) महेंद्र प्रसाद ने कहा कि बिजली का वितरण एवं उसके दर में वृद्धि एक अलग विषय है, इससे टाटा लीज की शर्तों को जोड़कर देखना उचित नही है. उन्होंने लोगों से लीज समझौता से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने की मांग की. लोगों से आयोग ने अपील की कि दस दिनों के भीतर अगर कोई सुझाव अथवा अपना विचार रखना चाहे तो लिखित तौर पर वह मेल अथवा पत्र के माध्यम रख सकता है. इसके बाद फैसला सुनाया जायेगा. [wpse_comments_template]

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