Jamshedpur (Sunil Pandey) : आदिवासी सेंगेल अभियान की बैठक बुधवार को केंद्रीय संयोजक बीमो मुर्मू की अध्यक्षता में करनडीह सेंगेल गढ़ में हुई. बैठक में सेंगेल ने एकता मंच पर सवाल खड़ा करते हुए कहा गया कि कुर्मी (महतो) को आदिवासी बनाने की मांग की जा रही है. जो असली आदिवासियों के लिए फांसी के फंदे के समान है. बिमो मुर्मू ने कहा कि कुर्मी को अनुसूचित जन जाति में शामिल करने की अनुशंसा झामुमो (8 अगस्त 2022) और कांग्रेस पार्टी (नेता प्रति विपक्ष अधीर रंजन चौधरी) ने दिया है. केंद्र की बीजेपी सरकार ने अब तक कुरमी का समर्थन नहीं किया है. नहीं तो एक महीने पहले एसटी सूची में शामिल किए गए करीब 12 जातियों के साथ कुर्मी भी शामिल हो जाते. झामुमो एवं कांग्रेस विरोध एवं समर्थन की राजनीति करते हैं. जो बाहर में विरोध और भीतर में समर्थन धोखेबाजी जैसा है. अंततः कुर्मी सरकार (राजनीतिक) के सहयोग से एसटी बन सकते हैं.
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समर्थन करने वाले दलों को होगा विरोध
बिमो मुर्मू ने बताया कि कुर्मी (महतो) को आदिवासी बनाने की बकालत करने वाले दलों का आदिवासी सेंगेल अभियान पूरजोर विरोध करेगा. उन्होंने कहा कि झामुमो एवं कांग्रेस राजनीतिक स्वार्थसिद्धि के लिए इशका समर्थन कर रहे हैं. लेकिन आदिवासी सेंगेल अभियान राजनीतिक नफा नुकसान की पहवाहन नहीं करता है. उक्त समाज को एसटी में शामिल करने का हर स्तर पर विरोध किया जाएगा. उन्होंने कहा कि 5 मार्च 23 को इस संबंध में सेंगेल ने रांची में रैली का आयोजन किया गया. जिसमें समान विचारधारा वाले दलों से खुलकर समर्थन करने तथा रैली में आने की अपील की. इससे पहले 11 फरवरी 2023 को रेल चक्का जाम किया जाएगा. जिसमें झारखंड समेत अन्य राज्यों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे. बैठक में कोल्हान जोन सभापति सीताराम माझी, पूर्वी सिंहभूम सेंगेल परगना जूनियर मुर्मू, दिशोम परगना सोनाराम सोरेन, अर्जुन मुर्मू, भागीरथ मुर्मू टीआर. मार्डी, किसुन हांसदा आदि शामिल थे.
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