Jamshedpur (Sunil Pandey) : स्वर्णरेखा परियोजना के गालूडीह बायी मुख्य नहर के एक भाग का निर्माण विगत नौ वर्षों में भी पूरा नहीं हो पाया. जबकि उसका निर्माण दो वर्ष में ही पूरा हो जाना था. उक्त नहर के अधूरा रहने के कारण किसानों को विगत नौ वर्षों से सिंचाई सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है. उक्त मामला सोमवार को सांसद विद्युत वरण महतो ने नियम 377 के तहत लोकसभा में उठाया. श्री महतो ने कहा गालूडीह बायीं मुख्य नहर के कि0मी 07.03 से कि0मी0 10.23 के बीच विगत 9 वर्षों से निर्माण कार्य अधूरा रहने के कारण लगभग 65 कि0मी0 लम्बे नहर से किसानों को उपलब्ध सिंचाई की सुविधा नहीं हो पा रही है. सांसद ने बताया कि इस नहर के एक भाग का निर्माण कार्य मेसर्स एसईडब्ल्यू इंफ्रास्ट्रक्टर लिमिटेड को वर्ष 2013-14 में मिला. सके लिए कंपनी को 85 करोड़ रूपया भी आवंटित किया गया था. नहर का निर्माण कार्य दो वर्ष में पूरा करना था. परंतु 9 वर्ष बीत जाने के बाद अब तक मात्र 50 प्रतिशत कार्य पूरा हुआ है.
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संवेदक पर मेहरबान है राज्य सरका
सांसद ने बताया कि नहर का निर्माण करने वाले संवेदक पर राज्य सरकार कार्रवाई करने की बजाय मेहरबान है. मुख्य अभियंता चांडिल काम्पलेक्स जमशेदपुर के द्वारा मार्च 2022 में की गई अनुशंसा के आलोक में संवेदक को जल संसाधन विभाग, झारखंड सरकार द्वारा (पत्रांक 269, दिनांक 23.06.2022) उक्त एजेंसी को 31 मार्च2023 तक समय की वृद्धि की स्वीकृति प्रदान की गई. उक्त अवधि भी बीत गई लेकिन काम नहीं हुआ. जबकि एसबीडी इकरारनामा के प्रावधानों के अनुसार इस कार्य के इकरारनामा को विखंडित कर जमानत की राशि जब्त करने की कार्रवाई होनी चाहिए थी. जल संसाधन विभाग, झारखण्ड द्वारा समय वृद्धि की स्वीकृति के उपरांत संवेदक को वृद्धि मद में बड़ी राशि का भुगतान कर कथित रूप से सरकारी राजस्व की क्षति पहुंचाई गई है. सांसद ने जल शक्ति मंत्रालय से किसानों की कठिनाईयों को देखते हुए उक्त कार्य को अविलंब पूरा कराने की मांग की.
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