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Jamshedpur (Anand Mishra) : जमशेदपुर के गम्हरिया स्थित अरका जैन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ फार्मेसी ने फार्मेसी विभाग, सैन पेड्रो कॉलेज, फिलीपींस और एमओयू पार्टनर्स के सहयोग से ग्लोबल हेल्थ चैलेंजेज विषयक पांच दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया. सम्मेलन का उद्घाटन अरका जैन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एसएस रज़ी और विभिन्न संस्थानों से जुड़े गणमान्य लोगों ने दीप प्रज्जवलन और सरस्वती वंदना के साथ किया. इस अवसर पर विश्वविद्यालय के निदेशक अमित श्रीवास्तव, परिसर निदेशक डॉ अंगद तिवारी और रजिस्ट्रार जसबीर धंजाल उपस्थित थे. मुख्य वक्ता फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के कार्यकारी समिति सदस्य धर्मेंद्र सिंह ने सभा को सम्बोधित किया. स्वागत भाषण अंग्रेजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ मनोज पाठक ने किया. सैन पेड्रो कॉलेज, फिलीपींस के फार्मेसी विभाग के डीन प्रो जैकलिन पाडिला और विभाग के निदेशक प्रो डॉ इरविन एम फालर, डॉ. प्रियंवदा क्षीरोदा, होली ग्रेस एकेडमी ऑफ फार्मेसी, केरल की निदेशक नंदिनी षाड़ंगी और अरका जैन विश्वविद्यालय के डीन ऑफ स्कूल ऑफ फार्मेसी डॉ ज्योतिर्मय साहू ने प्रतिभागियों को संबोधित किया. साथ ही उन्होंने सम्मेलन के विषय-वस्तु के बारे में समुचित जानकारी दी.
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मुख्य वक्ता ने उद्योग की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक आधुनिक शिक्षा प्रणाली के कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित किया. उन्होंने उच्च शिक्षा में गुणवत्ता के बारे में अपनी बहुमूल्य जानकारी दी. विशिष्ट अतिथि डॉ डीके त्रिपाठी ने पाठ्यक्रम में संशोधन, व्यावहारिक अनुसंधान, पीसीआई द्वारा उठाए गए कदमों, स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों की भूमिका पर जोर दिया. उन्होंने सुझाव दिया कि कैसे शोधकर्ता खुद को बेहतर बना सकते हैं और समाज विकास में योगदान कर सकते हैं. मुख्य अतिथि पीसीआई के अध्यक्ष डॉ मोंटु कुमार एम पटेल ने प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, कोविड-19 वैक्सीन, फार्मेसी पेशे की चुनौतियों और राष्ट्र पर इसके प्रभाव के साथ ही वैश्विक विकास, एडीआर, भारत में फार्माकोविजिलेंस अभ्यास के बारे में बताया. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि उच्च शिक्षण संस्थानों को नीति निर्माताओं द्वारा तेजी से आर्थिक इंजन के रूप में देखा जाता है. अनुसंधान और नवाचार के माध्यम से ज्ञान उत्पादन सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक माना जाता है.
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उन्होंने छात्रों और संकायों के साथ ही उद्योग जगत के लोगों की बेहतरी के प्रयासों की भी सराहना की. सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में छात्रों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये और फिलीपींस और भारत के राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ. दोनों देशों के उद्योगों और शिक्षाविदों के संसाधनों ने वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियां और अभ्यास में अनुवाद के विषय पर अपनी विशेषज्ञता साझा की. सम्मेलन में दोनों देशों के लगभग 300 प्रतिभागियों और 40 से अधिक संस्थानों ने हिस्सा लिया. विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ फार्मेसी के एसोसिएट प्रोफेसर सुमंत सेन ने धन्यवाद ज्ञापन किया.
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