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जमशेदपुर: मगही-भोजपुरी को क्षेत्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने की झारखंड आंदोलनकारियों ने निंदा की

Jamshedpur: करनडीह दिशोम जाहेर प्रांगण में झारखंड आंदोलनकारियों की बैठक अधिवक्ता गणेश टुडू के अध्यक्षता में हुई. जिसमें झारखंड सरकार द्वारा मगही एवं भोजपुरी भाषा को क्षेत्रीय भाषा के रूप में दर्जा दिए जाने की निंदा की गई. आंदोलनकारियों ने कहा कि झारखंड राज्य भीख अथवा दान में नहीं मिला है. यह बलिदान एवं कुर्बानी से बना है. सरकार के इस फैसले से आंदोलनकारियों में रोष है. आंदोलनकारियों ने एक स्वर में कहा कि झारखंड राज्य बने 21 वर्ष बीत गया. इसके बाद भी झारखंड आंदोलनकारी चिन्हित होने की बाट जोह रहे हैं. इसे भी पढ़ें: जमशेदपुर:">https://lagatar.in/jamshedpur-seminar-on-challenges-of-e-commerce-and-business-in-the-chamber-on-february-8/">जमशेदपुर:

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आंदोलनकारियों के नाम पर चौक-चौराहों एवं सरकारी भवनों का हो नामकरण

अधिवक्ता गणेश टुडू ने बताया कि झारखंड अलग राज्य की लड़ाई लड़ने वाले कई आंदोलनकारी जेल गए, शहीद हुए जिसके परिणामस्वरूप राज्य बना, परंतु सरकार ने अभी तक उन आंदोलनकारियों को न तो सम्मान दिया और न प्रमाण पत्र या कोई सरकारी सुविधाएं. उन्होंने झारखंड सरकार से मांग की कि सरकारी भवन, स्कूल कालेज, रोड तथा चौक चौराहे का नामकरण आंदोलनकारियों के नाम पर किया जाय. बैठक में एनेम नाग, अशोक महतो, रवीन्द्र नाथ मुर्मू, हाबलु कुमार बेरा, फागु बास्के, लखन मुर्मू, घनश्याम मार्डी, मसांग मुर्मू आदि उपस्थित थे. इसे भी पढ़ें:रामगढ़">https://lagatar.in/ramgarh-the-wife-was-strangled-to-death-surrendered-herself-in-the-police-station/">रामगढ़

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