Jamshedpur (Sunil Pandey) : झारखंड जनतांत्रिक महासभा के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को सरायकेला-खरसावां जिले में स्थित नीलांचल आयरन एंड पावर लिमिटेड प्रबंधन से मुलाकात की. इस दौरान महासभा ने कंपनी प्रबंधन को सात सूत्री मांग पत्र सौंपकर उक्त मुद्दों पर कंपनी की पॉलिसी की जानकारी प्राप्त की. हालांकि, वार्ता के दौरान कंपनी प्रबंधन की ओर से तत्काल उक्त मांगों पर किसी तरह का जवाब देने से इंकार किया गया.
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महासभा ने 10 दिनों में प्रबंधन को बिंदुवार मांगों पर जवाब देने के लिए कहा
कंपनी प्रबंधन ने इसके लिए झारखंड जनतांत्रिक महासभा से 10 दिनों का समय लिया. वहीं, महासभा ने सहर्ष 10 दिनों का समय देते हुए बिंदुवार मांगों पर जवाब देने के लिए कहा. प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे महासभा के दीपक रंजीत ने बताया कि अगर स्थानीय आदिवासी-मुलवासी के हितों का ध्यान नहीं रखा जाएगा, तो कंपनी के खिलाफ जोरदार आंदोलन किया जाएगा.
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महासभा की सात सूत्री मांगे
स्थानीय आदिवादी-मूलवासी युवाओं को नौकरी में 75% आरक्षण के साथ प्राथमिकता दी जाए. विस्थापित व प्रभावित परिवार के युवाओं को नियोजन में प्राथमिकता दी जाए. निकट भविष्य में नियोजन के लिए (हिंदी अखबारों में विज्ञापन) व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए. सीएसआर के तहत स्थानीय ग्रामीण आदिवासी मूलवासी युवाओं को प्रतिवर्ष औद्योगिक प्रशिक्षण दिया जाए. किसी भी मजदूर का शोषण व हकमारी न हो कंपनी प्रबंधन इसे सुनिश्चित करे. मांगों पर कार्रवाई नहीं होने अथवा पुनरावृत्ति होने पर आंदोलन किया जाएगा. प्रतिनिधिमंडल में कृष्णा लोहार, विष्णु गोप, गणेश कर्मकार, रायमुल आदि शामिल थे.
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