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ये है मांग
राज्य के सभी विश्वविद्यालयों एवं अंगीभूत महाविद्यालयों के शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की माननीय उच्च न्यायालय के वाद संख्या डबल्यूपी (एस) नं. 6591 ऑफ 2022 के न्यायादेश के आलोक में सेवानिवृति की आयु 62 वर्ष की जाए. राज्य के सभी विश्वविद्यालयों एवं अंगीभूत महाविद्यालय के शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को राज्य कर्मियों की भांति एसीपी व एमएसीपी की सुविधाओं का लाभ प्रदान किया जाए. इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर">https://lagatar.in/jamshedpur-jharkhand-lost-by-an-innings-and-205-runs-haryana-reached-top-in-the-group-with-victory/">जमशेदपुर: झारखंड पारी व 205 रनों से हारा, जीत के साथ हरियाणा ग्रुप में टॉप पर पहुंचा
हेमंत सोरेन ने दिया था आश्वासन
महासंघ की ओर से बताया गया कि विश्वविद्यालयों एवं अंगीभूत महाविद्यालयों के शिक्षकेत्तर कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर राजभवन में धरने पर बैठे थे. तब धरना स्थल पर आकर कर्मियों को पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (उस दौरान विपक्ष में थे) ने आश्वासन दिया था कि हमारी सरकार बनने पर हम शिक्षकेत्तर कर्मियों की समस्याओं का सम्पूर्ण रूप से निराकरण कर देगें. लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी. इसे भी पढ़ें : डॉ">https://lagatar.in/dr-abhishek-showed-humanity-treated-the-child-by-donating-his-own-blood/">डॉअभिषेक ने मानवता का परिचय दिया, अपना ब्लड देकर बच्चे का इलाज किया मालूम हो कि महासंघ की पुरानी मांग सेवानिवृत उम्र सीमा को 62 वर्ष तक बढ़ाने की याचिका पर हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए लागू करने का आदेश उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग को दिसंबर 2023 में ही दे दिया है. विभाग द्वारा कार्रवाई करने की बात पर ही हाई कोर्ट ने याचिका पर फैसला देते कमेटी बनाकर आदेश को अमल में लाने की बात कही थी. बावजूद अब तक कोई ठोस निर्णय कमेटी ने नहीं लिया है. इस दौरान कई कर्मचारी सेवानिवृत भी हो चुके हैं. इसे भी पढ़ें : गांव">https://lagatar.in/bjp-mlas-and-mps-from-jharkhand-put-their-strength-in-gaon-chalo-campaign/">गांव
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