Jamshedpur (Rohit Kumar) : शहर में एक बार फिर गैंगवार की सुगबुगाहट शुरु हो गई है. आशंका जताई जा रही है कि एक दूसरे के प्रतिद्वंदी अपराधकर्मी अमरनाथ सिंह और गणेश सिंह गिरोह के बीच कभी भी गैंगवार हो सकता है. अगर ऐसा हुआ तो इसमें पुलिस की लापरवाही ही होगी. क्योंकि अपराधी अमरनाथ सिंह को पकड़ने के बाद भी पुलिस ने उसे राजनीतिक दवाब में छोड़ दिया था. जबकि गणेश सिंह पर केस दर्ज होने के बाद भी पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर रही है. पुलिस की पकड़ से दूर दोनों अपने-अपने गिरोह को मजबूत और सक्रिय बनाने में लगे हैं. कभी भी इन दोनों गिरोह के बीच गैंगवार हो सकता है.
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रंजीत हत्याकांड में फरार चल रहा है गणेश सिंह
टेल्को के सबुज कल्याण पूजा पंडाल गेट के पास जेल से छूटे अमरनाथ गिरोह के सदस्य परसुडीह निवासी रंजीत सरदार की 3 अक्तूबर 2022 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में गणेश सिंह पर भी पुलिस ने केस दर्ज किया था. इस घटना के चार माह बीत जाने केबाद भी पुलिस गणेश सिंह को पकड़ नहीं पाई है. इसका नजीता है कि गणेश सिंह लगातार अपने गिरोह को सक्रिय कर रहा है और एक के बाद एक अमरनाथ गिरोह के सदस्यों की हत्या हो रही है. 13 फरवरी को भुइयांडीह बर्निंग घाट के पास अमरनाथ गिरोह के प्रदीप सिंह की गोली मार हत्या कर दी गई. प्रदीप की हत्या में गणेश सिंह गिरोह के गुर्गों का नाम सामने आ रहा है.
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अमरनाथ को पूछताछ के बाद पुलिस ने छोड़ था
2 दिसंबर 2022 को मानगो के गौड़ बस्ती में हुए फायरिंग मामले में पुलिस ने अपराधी अमरनाथ सिंह को पकड़ा था. दो दिनों तक उससे पूछताछ भी की गई लेकिन बाद में पुलिस ने राजनीतिक दवाब में आकर उसे छोड़ दिया. अमरनाथ सिंह शांति नगर में रहने वाले विकास कांत लाल को कुत्ता से कटवाने के मामले में आखिरी बार जेल गया था. पिछले चार माह में गणेश सिंह अमरनाथ गैंग पर भारी पड़ा है. अमरनाथ गैंग के रंजीत सरदार और प्रदीप सिंह की हत्या के बाद अमरनाथ सिंह गणेश सिंह और उसके गिरोह के गुर्गों से बदला लेने की फिराक में है.
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गणेश सिंह और अमरनाथ सिंह के बीच है पुरानी दुश्मनी
अमरनाथ सिंह और गणेश सिंह के बीच पुरानी दुश्मनी है. वर्ष 2016 में गणेश सिंह ने अमरनाथ सिंह के भाई शक्ति सिंह पर गोली चलाई थी. जवाब में कुछ दिनों बाद ही अमरनाथ सिंह ने भी गणेश के भाई प्रशांत पर गोली चलाई थी. यहीं से दोनों की बीच दुश्मनी शुरु हुई. दोनों गिरोह के बीच कई बार गैंगवार भी हुआ. अमरनाथ सिंह परमजीत गिरोह से जुड़ा था जबकि गणेश सिंह को गैंगस्टर अखिलेश सिंह का संरक्षण प्राप्त था. इसी बीच अमरनाथ सिंह ने मानगो में जमीन कारोबार का धंधा शुरु किया. लेकिन गणेश सिंह ने अमरनाथ के इस धंधे को बंद करवा दिया. 2017 में पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया. दोनों ने पुलिस के समक्ष समझौता किया कि दोनों अब एक दूसरे पर वार नहीं करेंगे. लेकिन दोनों के बीच दुश्मनी कम नहीं हुई. जेल से निकलने के बाद दोनों फिर से एक दूसरे के जान के दुश्मन बन गए. 2018 में गणेश सिंह गिरोह के राहुल पर मानगो के बैकुंठनगर में फायरिंग की गई थी. अमरनाथ गिरोह के सदस्यों ने राहुल को चार गोली मारी थी. 2021 में पुलिस ने अमरनाथ गिरोह के करीब 15 सदस्यों को भारी मात्रा में हथियार के साथ परसुडीह के गदड़ा से गिरफ्तार किया था. सभी गणेश सिंह की हत्या की योजना बनाते हुए पकड़े गए थे.