: एसएसपी की पहल पर मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में तोड़ा ताला
इन धाराओं में हुई है सजा
आरोपियों को भादवि कि धारा 147 के तहत एक साल की सजा. धारा 148 के तहत दो साल की सजा. धारा 323/149 के तहत एक साल की सजा सुनायी गयी है. धारा 302/149 में उम्रकैद और अतिरिक्त तीन साल की सजा. धारा 201/149 के तहत पांच साल का सश्रम कारावास की सजा सुनाई गयी है. अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि सभी सजायें साथ-साथ चलेगी.स्टेज से उतरते ही किया गया था हमला
घटना 5 सितंबर 2011 को घटी थी और शशि पासवान के पिता रामबिलास पासवान के बयान पर सोनारी थाने में मामला दर्ज कराया गया था. घटना के दिन शशि अपने साथी विजय पासवान, रवि पासवान, पंचु गोराई, छोटू कर्मकार, सोनु निषाद, रंजन कर्मकार व अन्य के साथ गणेश पूजा के दौरान डांस का कार्यक्रम देखने के लिये गया हुआ था. वहां पर बच्चे डांस कर रहे थे. इस बीच बच्चों को पुरस्कार देने के लिये शशि रात के 8.30 बजे स्टेज पर गया था. पुरस्कार देने के बाद नीचे उतरते समय ही उसपर ईंट और पत्थर से हमला किया गया था.ईंट से किया था हमला
घटना की रात चुनु सिंह सरदार ने शशि पर पीछे से ईंट से हमला कर दिया था. इसके बाद शशि कुछ दूरी पर जमीन पर गिर गया था. इस बीच वहां पर रवि दास, संजय बनिया, लखिंद्र महतो, वासु बागती, सोनु, विवेक लोहार, पुटु कालिंदी, निरंजन, भोकलू महतो भी था और सभी लोग हाथ में तलवार, भुजाली और पत्थर लिये हुये थे. घटना के समय घटना का विरोध करने रामबिलास पासवान, विजय पासवान, पंचु गोराई, छोटू लोहार आदि गये थे. तब चुनु सिंह सरदार, रवि दास और बाबु सरदार ने पिस्तौल और भुजाली का भय दिखाया और फायरिंग कर दी. इसके बाद वे डर से वहां से भाग गये थे.नदी से हुआ था शव बरामद
घटना के बाद पुलिस ने शशि के शव दोमुहानी नदी से बरामद किया था. सिर पूरी तरह से कुचला हुआ था. शशि की हत्या कर साक्ष्य छिपाने के उद्देश्य से शव को नदी में फेंक दिया गया था. घटना के बाद कोर्ट ने छह आरोपियों को दोषी करार दिया है. इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर">https://lagatar.in/jamshedpur-ssp-suddenly-reached-ulidih-police-station/">जमशेदपुर: अचानक उलीडीह थाने पहुंच गये एसएसपी [wpse_comments_template]
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