- आरवीएस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में लिंग संवेदनशीलता पर कार्यक्रम आयोजित
परीक्षा पर दायर याचिका पर HC में हुई सुनवाई, कोर्ट ने पूछा – अब तक परीक्षा क्यों नहीं हुई उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि हम अगर आधुनिक समाज की कल्पना करते हैं तो उसके लिए हमारी सोच भी ऐसी ही होनी चाहिए. रूढीवादी सोच से समाज को बाहर निकालना आप सभी युवकों का ही काम है. आज हर क्षेत्र में पुरुष के साथ महिला भी कार्य कर रही है. ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि हम सभी को समान नजर से देखें. इससे हमारा घर और समाज सुरक्षित और सुंदर होगा. डॉ तरफदार ने बताया कि उन्होंने इस विषय पर काफी रिसर्च किया है. अपने वक्तव्य के क्रम में डॉ नीता ने कई छात्र-छात्राओं के समक्ष कई उदाहरण प्रस्तुत किये और उसके बारे में बताया. साथ ही बताया कि हम कैसे इससे निजात पा सकते हैं. इसे भी पढ़ें : झारखंड">https://lagatar.in/every-day-in-jharkhand-ats-raids-16-hideouts-of-organized-criminal-gangs-80-verified-11-arrested/">झारखंड
में हर दिन संगठित आपराधिक गिरोह के 16 ठिकानों पर एटीएस कर रही छापेमारी, 80 का सत्यापन, 11 गिरफ्तार सर्वप्रथम कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए मुख्य अतिथि का स्वागत कॉलेज के निदेशक प्रो आरएन गुप्ता ने पुष्प गुच्छ एवं स्मृति चिह्न भेंट कर किया. उद्घाटन भाषण में ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल के डॉ विक्रम शर्मा ने किया. उन्होंने छात्र-छात्राओं का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि हमारे समाज में असमानता को दूर करना बहुत जरूरी है. कार्यक्रम में कॉलेज के प्राचार्य डॉ राजेश कुमार तिवारी, सभी विभागाध्यक्ष, आईक्यूएसी सेल के हेड सनातन प्रसाद समेत शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे. [wpse_comments_template]
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