Jamshedpur (Ashok Kumar) : एमजीएम थाना क्षेत्र के पीपला के पास 26 नवंबर 2018 को मानगो थाना क्षेत्र के जवाहरनगर रोड नंबर 13 के रहने वाले इम्तियाज खान की हुई हत्या के मामले में तत्कालीन एसआइ सह आइओ ललन कुमार मिश्रा ने गुरुवार को एडीजे 2 अभाष वर्मा की अदालत में गवाही दी. गवाही में ललन मिश्रा ने कहा कि 3 दिसंबर 2018 को इस मामले में राजकुमार सिंह उर्फ छोटा बाबा को रिमांड पर लिया गया था. रिमांड पर ही उसने बताया था कि पिछले साल दुर्गापूजा पर उसके दोस्त अजीत की हत्या चंद्रशेखर गौड़ और उसके भाई चित्रसेन गौड़ ने मिलकर की थी. मामले में चंद्रशेखर गौड़ कोर्ट से बरी हो गया था जबकि चित्रसेन गौड़ अभी जेल में है. उस समय कांड में दीपक और कुणाल गवाह बने थे.
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गवाह को मैनेज करने के लिये 12 लाख में बनी थी बात
इस बीच गवाह को मैनेज करने के लिये गब्बर उर्फ इम्तियाज और चंद्रशेखर गौड़ ने मिलकर बातचीत की थी. 12 लाख में सौदा तय हुआ था. इसमें से 2 लाख रुपये एडवांस में दिया गया था. 26 नवंबर 2018 को बाकी का रुपये देना था. इसके पहले गवाही देने दीपक कुमार कुशवाहा और कुणाल कोर्ट गया था.
रुपये देने से करने लगा था आनाकानी
घटना के दिन इम्तियाज और चंद्रशेखर अपने दोस्त दीवाना उर्फ रुपेश कुमार यादव के साथ अपनी कार से बालीगुमा और पीपला शराब दुकान पहुंचा था. यहां पर रुपये देने से आना कानी करने पर रुपेश ने चंद्रशेखर और इम्तियाज को गोली मार दी. छोटा बाबा ने पूछताछ में कहा था कि इम्तियाज को पीपला चौक के नदी के पास ले जाकर घटना को कारित किया. घटना के बाद हथियार को नदी में फेंक दिया गया. हथियार को खोजने का मछुआरों की ओर से प्रयास किया गया था, लेकिन बरामद नहीं हो सका.
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