Jamshedpur : जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो पर सांसद निधि की राशि के दुरूपयोग एवं 3.28 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का मामला तूल पकड़ लिया है. इस मामले में झारखंड के लोकायुक्त ने पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन से मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच रिपोर्ट तलब की है. दूसरी ओर लोकायुक्त के आदेश के बाद पूर्वी सिंहभूम के उप विकास आय़ुक्त ने जिले के सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को पत्र भेजकर वर्णित योजनाओं की स्थल जांचकर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. लोकायुक्त के यहां 28 अप्रैल 2022 को मामले की सुनवाई होनी है. सांसद विद्युत वरण महतो पर सांसद निधि की राशि का दुरूपयोग करने एवं वगैर काम कराए 3.28 करोड़ रुपये की निकासी का आरोप आरटीआई कार्यकर्ता दिनेश महतो ने लगाया था. उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के आधार पर इसकी शिकायत लोकायुक्त के यहां बीते वर्ष दिसंबर महीने में की थी.
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88 ग्राम चौपाल मद में 3.28 करोड़ की हुई है निकासी
प्राक्कलन के आधार पर ग्राम चौपाल का निर्माण कराया जाना था. लेकिन ग्राम चौपाल का स्वरूप बदलकर हरि मंदिर का निर्माण करा दिया गया. वितीय वर्ष 2016-17 से 2020-21 तक कूल 88 ग्राम चौपाल मद में 3 करोड़ 28 लाख रुपया विमुक्त किया गया है. लेकिन उक्त राशि से ग्राम चौपाल की जगह पूरे जिले में हरि मंदिर का निर्माण करा दिया गया है. सांसद निधि की मार्गदर्शिका में स्वीकृत योजना का स्वरूप अथवा नाम नहीं बदला जा सकता है. लेकिन प्राक्कलन में चौपाल निर्माण कराए जाने का जिक्र होते हुए सांसद ने हरि मंदिर का निर्माण करा दिया.
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चौपाल निर्माण करने वाली एजेंसी पर खड़े हुए सवाल
इस संबंध में आरटीआई कार्यकर्ता दिनेश महतो ने बताया कि सांसद निधि की राशि से वितीय वर्ष वितीय वर्ष 2016-17 में 58 ग्राम चौपाल का निर्माण एनआरईपी ने कराया है. जबकि 30 ग्राम चौपाल का निर्माण आरडीएसडी एजेंसी ने कराया है. जबकि धरातल पर एक भी ग्राम चौपाल का निर्माण नहीं हुआ है. उसकी जगह हरि मंदिर का निर्माण करा दिया गया है. दिनेश महतो ने कार्यकारी एजेंसी पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जब एजेंसी को विमुक्त की गई राशि एवं वर्क ऑर्डर में ग्राम चौपाल का जिक्र है. ऐसे में कार्यकारी एजेंसी के द्वारा हरि मंदिर का निर्माण कराया जाना उसकी की मंशा पर सवाल खड़े करता है.
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आरोप तथ्यहीन है : सांसद प्रतिनिधि
इस संबंध में सांसद प्रतिनिधि संजीव कुमार ने बताया कि ग्राम चौपाल की जगह सांसद निधि से हरि मंदिर निर्माण कराए जाने का आरोप तथ्यहीन है. सांसद ने ग्राम चौपाल की अनुशंसा एवं स्वीकृति दी है. निर्माण कराने वाली एजेंसी उसे मूर्तरूप प्रदान करती है. एजेंसी ने ग्राम चौपाल की जगह हरि मंदिर क निर्माण कराया है, या ग्राम चौपाल का. यह जांच का विषय है. इसमें सांसद की कोई भूमिका नहीं है.
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