एलबीएसएम कॉलेज में मनोविज्ञान विभाग के साइकोलॉजी क्लब ने किया पर्सनालिटी डेवलपमेंट एवं पर्सनल ग्रूमिंग विषयक व्याख्यानमाला का आयोजन
Jamshedpur (Anand Mishra) : जमशेदपुर के करनडीह स्थित एलबीएसएम कॉलेज के वर्चुअल क्लास रूम में मनोविज्ञान विभाग के साइकोलॉजी क्लब की ओर से पर्सनालिटी डेवलपमेंट एवं पर्सनल ग्रूमिंग विषयक व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया. सर्वप्रथम कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहें कॉलेज के प्राचार्य डॉ अशोक कुमार झा, मुख्य वक्ता जमशेदपुर वर्कर्स कॉलेज की डॉ वाजदा तबस्सुम, कार्यक्रम के संयोजक डॉ प्रशांत एवं प्रो प्रमिला किस्कू ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की. प्राचार्य ने कार्यक्रम में उपस्थित सम्मानित अतिथि डॉ वाजदा तबस्सुम का स्वागत अंगवस्त्र, पुष्पगुच्छ और मोमेंटो भेंट कर स्वागत किया.
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प्राचार्य अशोक डॉ झा ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि पर्सनालिटी डेवलपमेंट और पर्सनल ग्रूमिंग विद्यार्थियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें. इसके साथ ही उनके व्यक्तित्व का विकास इस प्रकार से होना चाहिए, जिससे वे बाहरी दुनिया और आज के बाजार की चुनौतियों के दबाव को सहन कर सकें. व्यक्तित्व विकास के बल पर छात्र न केवल करियर बल्कि निजी जीवन में भी आगे बढ़ने के योग्य बन सकते हैं. उन्होंने जाम्बवन्त जी द्वारा हनुमान जी को उनका बल याद दिलाने की कहानी विद्यार्थियों को सुनायी. इसके अलावा उन्होंने कहा कि व्यक्तित्व विकास हमारे पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन दोनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
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मुख्य वक्ता डॉ वाजदा तबस्सुम ने कहा कि व्यक्तित्व शब्द अंग्रेजी के “पर्सनालिटी” शब्द का हिंदी रूपांतर है. पर्सनाल्टी शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के ”परसोना” से हुई है. ‘परसोना’ शब्द का अर्थ मुखौटा को संदर्भित करता है, जिसे एक कलाकार नाटक के समय मंच पर एक विशेष भूमिका निभाने के लिए पहनता है. मास्क या पहनावे से इंसान की शख्सियत हकीकत से अलग हो जाती है. इस अर्थ में व्यक्तित्व को व्यक्ति के बाह्य गुणों के आधार पर समझा जाता है, परन्तु इससे व्यक्तित्व का वास्तविक अर्थ स्पष्ट नहीं होता. मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुसार व्यक्ति का सम्पूर्ण संगठन, जो विकास की किसी अवस्था में होता है, वह व्यक्तित्व में सम्मिलित होता है. इसके अलावा उन्होंने पर्सनल ग्रूमिंग पर भी बहुत सी बातों को छात्रों के साथ साझा किया.
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कार्यक्रम के संयोजक डॉ प्रशांत ने कहा कि हमारा व्यक्तित्व हमारे संपूर्ण व्यवहार, प्रतिमान और उसकी विशेषताओं के योग को दर्शाता है. क्योंकि किसी भी व्यक्ति का व्यक्तित्व उसके केवल एक गुण के कारण नहीं बनता, बल्कि इसमें उसकी संपूर्ण छवियां जैसे-ज्ञान, अभिव्यक्ति, सहनशीलता, गंभीरता, प्रस्तुतीकरण आदि होती है. साइकोलॉजी क्लब की प्रथम सेमेस्टर की छात्रा भूमि मित्रा और छात्र सोनू कुमार ने मंच संचालन और प्रो बिनोद कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया. इस अवसर पर कॉलेज के प्राध्यापक डॉ डीके मित्रा, प्रो विनोद कुमार, डॉ विनय कुमार गुप्ता, प्रो विजय प्रकाश, प्रो मोहन, डॉ प्रशान्त, डॉ सन्तोष, प्रो सलोनी रंजने, प्रो प्रमीला किस्कू, डॉ रानी, शिक्षकेत्तर कर्मचारी विनय कुमार समेत छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.