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अप्रशिक्षित को लाईसेंस देना फार्मेसी एक्ट का उल्लंघन
उन्होंने कहा कि बिना फार्मासिस्ट के ग्रामीण क्षेत्र में दवा दुकान खोले जाने से फार्मेसी एक्ट 1948 का उल्लंघन होगा. क्योंकि उक्त एक्ट के अनुसार दवा का वितरण और भंडारण सिर्फ और सिर्फ रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट के उपस्थिति में ही होना है. किसी भी बीमारी के इलाज के लिए औषधियों की उपलब्धता महत्वपूर्ण है. लेकिन एक अप्रशिक्षित व्यक्ति जिसे औषधि के बारे कुछ जानकारी नहीं है, अगर उसके द्वारा दिए गए दवाई से एक भी मरीज को कुछ नुकसान होगा तो उसका जिम्मेदार कौन होगा ? प्रतिबंधित लाइसेंस (20A/21A ) पर दिए गए सूची पर कुल 48 प्रकार की दवा की बिक्री की जा सकती है. इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर">https://lagatar.in/jamshedpur-district-convention-of-jharkhand-state-class-iv-government-employees-association-concluded-new-committee-formed/">जमशेदपुर: झारखंड राज्य चतुर्थवर्गीय सरकारी कर्मचारी संघ का जिला सम्मेलन संपन्न, नई कमिटी का हुआ गठन
झारखंड में नहीं लागू है फार्मेसी प्रैक्टिस रेगुलेशन 2015
शशि भूषण प्रसाद द्वारा झारखंड सरकार से मांग की कि फार्मेसी प्रैक्टिस रेगुलेशन 2015 भारत सरकार द्वारा गजट के माध्यम से पारित कर दिया गया है. जिसे पड़ोसी राज्य बिहार एवं अन्य राज्यों में लागू किया गया है. झारखंड में यह लागू नहीं है. उन्होंने सरकार से फार्मेसी प्रैक्टिस रेगुलेशन 2015 लागू करने की मांग की. उन्होंने कहां की ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 एवं रूल 1945 में बनाया गया था. जिसके अनुसार प्रतिबंधित दवा (20A/21A) लाइसेंस का प्रावधान है. जो आजादी से पहले का कानून है. उसे अब बदलने की जरूरत है. दवा के खुदरा एवं थोक विक्रय अनुज्ञप्ति सिर्फ रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट के नाम से ही जारी हो. नहीं तो एसोसिएशन देशभर में बड़ा आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा. उन्होंने कहा कि पहले देश में फार्मासिस्ट की संख्या बहुत कम थी अब फार्मासिस्ट की संख्या करीब 15 लाख से ऊपर है. इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर">https://lagatar.in/jamshedpur-scorched-by-current-in-parsudih-old-man-admitted-to-mgm/">जमशेदपुर: परसुडीह में करंट से झुलसा वृद्ध एमजीएम में भर्ती
झारखंड में निबंधित हैं 6000 फार्मासिस्ट
झारखंड में फार्मेसी की 56 कॉलेज खुले है और पिछले 4 साल में करीब 6000 से ज्यादा फार्मासिस्ट का निबंधन झारखंड स्टेट फार्मेसी काउंसिल में हुआ है. जबकि पिछले 23 वर्षों से झारखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग में फार्मासिस्ट की नियमित बहाली नहीं हुई है. एक तरफ जहां झारखंड सरकार फार्मेसी शिक्षा को बेहतर कर रही है. वहीं दूसरी तरफ बेरोजगार फार्मासिस्ट की संख्या प्रतिदिन बढ़ोतरी हो रही है. झारखंड सरकार द्वारा फार्मासिस्ट की अनदेखी करने से आगे बेरोजगार शिक्षित फार्मासिस्ट की संख्या में और बढ़ोतरी होगी. कोल्हान कमेटी अध्यक्ष शत्रुघ्न राय मुख्यमंत्री से मांग की कि झारखंड स्टेट फार्मेसी काउंसिल से निबंधित फार्मासिस्ट को ही सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में खुदरा औषधी विक्रय की अनुज्ञप्ति उपलब्ध कराई जाए. जिससे झारखंड की आम जनता को सही दवाई उपलब्ध हो. इससे फार्मासिस्ट की बेरोजगारी कम होगी. संवाददाता सम्मेलन में फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के एग्जीक्यूटिव मेंबर धर्मेंद्र सिंह, कोल्हान प्रभारी पीयूष चटर्जी, महासचिव मानस मुखर्जी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष देवकांत कुमार, राजेश पाल, उमेश लाल, प्रवीण कुमार राजू, धीरेंद्र प्रसाद सहित कई अन्य फार्मासिस्ट उपस्थित थे. इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर">https://lagatar.in/jamshedpur-wonder-girls-beat-young-xi-2-0-in-under-11-category/">जमशेदपुर: अंडर 11 वर्ग में वंडर गर्ल्स ने यंग इलेवन को 2-0 से हराया [wpse_comments_template]
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