Jamshedpur (Dharmendra Kumar) : श्रीमन क्लासेस द्वारा बोधि सोसायटी मंदिर में कवि सम्मेलन शब्दार्चन का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथि कवियों द्वारा दीप जलाकर किया गया. तत्पश्चात श्रीमन क्लासेस के संस्थापक श्रीमन त्रिगुण ने अतिथियों का स्वागत किया. कवि सम्मेलन की शुरुआत कवि शैलेंद्र पांडेय शैल ने अपने चिर परिचित अंदाज में कविता पाठ से की. शैलेंद्र पांडेय शैल ने कहा कि “मसल के हाथ से मिट्टी घड़ा बनाता है। वो आदमी है मगर देवता बनाता है।। वक्त हम सब की जरूरत का ध्यान रखता है। कभी निगाह कभी आईना बनाता है।।” वहीं कवि बसंत ने व्यंग्यात्मक अंदाज में कहा कि “लहू के रंग जब हमें नुमाइंदे बतलाने लगे। जम्हूरियत कहती है हमें, दरबार बदलने चाहिए।।
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कवि सन्तोष चौबे ने कहा कि अभी मात खानी है जो ये हैं कहते। अभी दिन चढ़ा है अभी रात होगी।। युवा कवियत्री सोनी सुगन्धा ने वीर रस के अंदाज में कहा राधा, मीरा, लक्ष्मी बाई, यह वैदेही की जननी है। अर्जुन, कृष्णा बलदाऊ की, यह वीर प्रसूता धरणी है।। युवा कवि सूरज सिंह राजपूत ने ओजस्वी अंदाज में कहा कि हम ही दिनकर के कलम दूत, हम महाराणा की परंपरा। अभी नोक कलम की खिंच खिंच, तलवार बनाना बाकी है।। कवि दीपक वर्मा दीप ने श्रोताओं को गुदगुदाते हुए कहा कि “जिंदगी में मेरी कुछ इस तरह बर्बादी हो गई, मैं गणित में कमजोर था। और मैथ्स टीचर की बेटी से शादी हो गई।।
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डॉ. रागिनी भूषण के प्रस्तुति ने विद्यार्थियों को मंत्रमुग्ध किया
डॉ. रागिनी भूषण के प्रस्तुति ने विद्यार्थियों को मंत्रमुग्ध कर दिया. उन्होंने कहा कि चाहते हो गर कहीं, उनकी मुहब्बत जीत लें। दिल पड़ेगा हारना पहले, हराने के लिए।। इस अवसर पर श्रीमन क्लासेस के विद्यार्थियों के अतिरिक्त कॉलेज के प्राध्यापक सहित शहर के कई गणमान्य लोग उपस्थित थे.
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