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तुलसी दास से मिली प्रेरणा
रोशन झा ने बताया कि महाकवि तुलसीदास से प्रेरित होकर उन्होंने श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोकों को चौपाई के रूप में लिखा है. यह चौपाई अवधी में न होकर हिंदी में है. रोशन को चौपाई के रूप में श्रीमद्भगवद्गीता को रचने में कुल 27 साल लगे. चौपाई में चार चरण होते हैं प्रत्येक चरण में 16-16 मात्राएं होती हैं तथा अंत में गुरु होता है. मूल रूप से बिहार के मधुबनी जिले के राजग्राम के रहने वाले रोशन झा ने 22 अक्टूबर 1995 से श्रीमद्भगवद्गीता को चौपाई में रूपांतरित करना शुरू किया. यह श्रीमद्भगवद्गीता का प्रभाव ही है कि 27 साल की अनवरत तपस्या में एक बार भी ऐसा पल नहीं आया, जब वह हतोत्साहित हुए हो. हरेक श्लोक के भाव के साथ कोई अन्याय नहीं हो, इसके लिए वास्तविक श्रीमद्भगवद्गीता के अलावा इस्कॉन, स्वामी दयानंद सहित अन्य दर्जनों पुस्तकों का सहयोग लिया. इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर">https://lagatar.in/jamshedpur-toy-bank-provided-study-material-along-with-toys-to-the-children-of-east-bengal-colony-school/">जमशेदपुर: ईस्ट बंगाल कॉलोनी स्कूल के बच्चों को टॉय बैंक ने खिलौने के साथ प्रदान की पाठ्य सामग्री [wpse_comments_template]
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