Jamshedpur : ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन पर सीसीआई द्वारा लगाए गए 200 करोड़ रुपये के जुर्माने को नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) द्वारा बरकरार रखे जाने का कैट (कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स) ने स्वागत किया. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल और राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोंथालिया ने संयुक्त रुप से जारी बयान में कहा कि एनसीएलटी के इस आदेश ने “सत्य की हमेशा जीत” की बात को सही साबित कर दिया है. दोनों ने कहा कि भारतीय ई-कॉमर्स और रिटेल व्यापार को बंधक बनाने के कोई भी मंसूबे पूरे नहीं होंगे. यहां किसी भी विदेशी कम्पनी को ईस्ट इंडिया कंपनी का दूसरा संस्करण नहीं बनने दिया जाएगा.
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17 दिसंबर 2021 को सीआईआई ने सुनाया था फैसला
कैट के राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोंथालिया ने बताया कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई ) ने अमेजन के खिलाफ 17 दिसंबर 2021 को जुर्माने से जुड़ा फैसला सुनाया था. इस संबंध में एक मामला कैट एवं अन्य की ओर से अपील दायर की गई थी. अपने फैसले में सीआईआई ने कहा था कि अमेजन ने जानबूझकर एक सोची समझी रणनीति के तहत फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) में अपने निवेश के लिए संयोजन की मंजूरी लेने के लिए गलत प्रतिनिधित्व, गलत बयान और संबंधित सामग्री एवं जानकारी को छुपाया. उक्त आदेश के खिलाफ अमेजन की ओर से एनसीएलटी में अपील दायर की गई थी. जिसे आज सुनवाई के दौरान सीआईआई के पूर्व के आदेश को एनसीएलटी ने भी जायज करार दिया.
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45 दिनों में करना होगा जुर्माने का भुगतान
एनसीएलटी ने अमेजन को नया नोटिस दाखिल करने और 45 दिनों के भीतर जुर्माने की राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया गया है. एनसीएलटी में कैट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कृष्णन वेणुगोपाल, ओर सौरभ कृपाल ने मजबूती से सारे मामले का पक्ष रखा. ट्रिब्यूनल के समक्ष वेणुगोपाल ने तर्क दिया कि फ्यूचर समूह की कंपनियों के साथ अमेजन का संपूर्ण लेनदेन अवैध रूप से फिजिकल रिटेल बाजार में प्रवेश करने, फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एक भारतीय मल्टी-ब्रांड खुदरा कंपनी) के स्वामित्व वाले खुदरा स्टोर्स पर कब्जा करने और छोटे व्यापारियों के व्यापार को हड़पने के इरादे पर आधारित है. श्री वेणुगोपाल ने इस बात पर जोर दिया कि अमेजन का यह कदम देश के खुदरा व्यापारियों के लिए एक सीधा खतरा होगा जो अमेजन जैसी बड़ी कंपनी से मुकाबला करने में सक्षम नहीं है.
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केन्द्र व राज्य सरकारों से कार्रवाई की मांग
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल और राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोंथालिया ने संयुक्त रुप से कहा कि अमेजन ने एफडीआई कानूनों का उल्लंघन किया है. उक्त कानून प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथा को रोकने, उपभोक्ताओं और खुदरा व्यापारियों के व्यापार की स्वतंत्रता को सुरक्षित रखने और सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए थे. दोनों ने कहा कि एनसीएलटी का निर्णय अमेजन सहित अन्य विदेशी ई कॉमर्स कंपनियों द्वारा कानूनों एवं नियमों के खुलेआम उल्लंघन को प्रमाणित करता है. एनसीएलटी के निर्णय के बाद दोनों ने उम्मीद जतायी कि केंद्र एवं राज्य सरकारें इस पर कठोर कदम उठाएंगी.