Jamshedpur : शहर के लेख संदीप मुरारका ने टाटा स्टील संस्थापक दिवस के अवसर पर एक कविता लिखी है. संस्थापक दिवस तीन मार्च को है. संदीप मुरारका ने अपनी कविता में टाटा ग्रुप के सभी पद्म अलंकृत विभूतियों का नाम समाहित है. संदीप मुरारका जनजातीय समुदाय के सकारात्मक पहलुओं पर भी पुस्तक लिख चुके हैं. उनकी पुस्तक काफी चर्चित है.
इसे भी पढ़ें : मनोहरपुर : पिता-पुत्र द्वारा मारपीट व जान मारने की धमकी देने पर बिजली कर्मियों ने दर्ज कराई प्राथमिकी
मैं जमशेदपुर हूँ
नसरवान जी का शहर हूँ मैं
मैं हूँ प्राचीन कालीमाटी,
मैं हूँ टाटा नगर,
मैं हूँ स्टील सिटी,
मैं जमशेदपुर हूँ ।
मैं देश की सड़कों पर ट्रक दौड़ाता हूँ,
मैं छतों पर ब्लुस्कोप की शीट लगाता हूँ,
मैं मजदूरों और किसानों के लिए,
कुदाल फावड़ा और खुरपी बनाता हूँ,
मैं लोहा भी बनाता हूँ।
लफार्ज सीमेंट हूँ मैं, लाल पीला पिगमेंट हूँ मैं,
मैं जैमिपोल, मैं टीआरएएफ, मैं टायो,
टिनप्लेट में टिन मैं ही बनाता हूँ,
विदेशों में टीमकेन की बेयरिंग
मैं ही पहुँचाता हूँ।
जुस्को की निर्बाध बिजली,
हरियाली और शुद्ध पानी,
सड़कों को नित्य चमकाता हूँ,
स्वच्छता सर्वेक्षण में श्रेष्ठ शहर का
अवॉर्ड यूं ही नहीं पाता हूँ।
नसरवान जी का शहर हूँ मैं
मैं जमशेदपुर हूँ।
मैं शहर हूँ मजदूरों का,
मैं नेताजी सुभाष का शहर हूँ ,
मैं शहर अब्दुल बारी का ,
मैं शहर व्ही. जी. गोपाल का,
मैं शहर माईकल जॉन का,
राकेश्वर, रघुनाथ और टुन्नू लाल का।
मैं शहर हूँ शिक्षाविद् पद्मश्री दिगंबर हांसदा का ,
महिलाओं की प्रेरक बछेंद्री पाल हूँ मैं ,
महिलाओं की हिम्मत प्रेमलता हूँ मैं,
तीरंदाज दीपिका हूँ, मैं कोमलिका बारी हूँ,
द्रोणाचार्य अवार्डी पूर्णिमा महतो मैं ही तो हूँ ।
ध्यानचंद अवार्डी एथलीट सतीश पिल्लई हूँ ,
बॉक्सिंग की रिंग में मैं अरुणा मिश्रा हूँ ,
क्रिकेट के मैदान में मैं सौरभ तिवारी हूँ ,
वरुण एरॉन हूँ , मैं विराट सिंह हूँ ,
नसरवान जी का शहर हूँ मैं
मैं जमशेदपुर हूँ ।
मैं शुक्ल महंती हूँ , मैं चंद्र मुदिता हूँ ,
मैं रजनी शेखर , मैं डॉ. जकारिया हूँ ,
मैं सुखदेव महतो यूनिवर्सिटी बनाता हूँ ,
मैं एपीआर नायर स्कूलों का जाल फैलाता हूँ ,
अंग्रेजी में मैं चलिल हूँ , हिंदी में मैं सलिल हूँ।
साहित्य में मैं युवा भगत अंशुमन हूँ,
मैं सी भास्कर जैसा शीतल चंदन हूँ,
मैं साहित्य का आभूषण रागिनी हूँ,
मैं साहित्य को समर्पित पुष्प जूही हूँ,
मैं अग्रवाल नरेश, मैं ही सिंहा तुहिन हूँ।
मैं आदिवासियों की गाथा गाता हूँ,
मैं जनजातीय गौरव बढ़ाता हूँ,
मैं कॉन्क्लेव संवाद आयोजित कराता हूँ,
मैं संदीप मुरारका हूँ,
जनजातियों की गाथा लिख जाता हूँ।
मैं डॉ राकेश मिश्रा वर्धा विश्वविद्यालय में पढ़ाता हूँ,
मैं एमजीएम में डॉक्टर्स बनाता हूँ,
मैं एक्सएलआरआई, सीईओ बनाता हूँ,
मैं लीना नायर, मैं विनीत नय्यर, मैं संदीप सेन,
मैं विमलेंद्र झा, मैं कृष्ण कुमार नटराजन हूँ।
मैं शहर हूँ उनका ,
जिनको रायसीना की पहाड़ी पर बुलाया जाता है ,
जिनके सीनों को पद्म सम्मान से सजाया जाता है ,
मैं शहर हूं दोराबजी का, मैं रुसी मोदी का शहर हूँ ,
मैं पद्मभूषण एन चंद्रशेखरन का भी शहर हूँ ।
मैं पद्म विभूषण रतन टाटा का अभिमान हूँ ,
मैं भारत रत्न जेआरडी के सपनों की उड़ान हूँ ,
मैं हूं शहर पद्म भूषण जे. जे. ईरानी का ,
मैं पी एन बोस की मूर्ती को पूजवाता हूँ
मैं साइरस के प्रति भी श्रद्धा सुमन प्रकट करवाता हूँ।
मैं शहर हूँ पद्म भूषण बी मुत्थुरमण का ,
मैं शहर हूँ पद्म भूषण होमी भाभा का ,
मैं शहर हूँ पद्म भूषण नवल टाटा का ,
मैं ऋणी हूँ उस वीर मेहरबाई के नाम,
जिनकी याद में बना कैंसर पीड़ितों का धाम।
नसरवान जी का शहर हूँ मैं
मैं जमशेदपुर हूँ।
स्वर्णरेखा खरकाई ने सींचा मुझको ,
सख्त हूँ मैं दलमा सा, शांत मैं डीमना सा,
पुष्पों से सजा हुआ मैं जुबली पार्क हूँ,
भुवनेश्वरी मंदिर में बैठी मां मेरी ,
हृदय में बैठे प्रभु अयप्पा और श्री राम हैं।
गोल्फ खेलता हूँ गोलमुरी क्लब में,
गोपाल मैदान में बैटिंग करता हूँ ,
मोहन आहूजा में बैडमिंटन खेलता,
जेआरडी में फुटबॉल पे किक लगाता हूँ ,
करनडीह में मुर्गे भी खूब लड़ाता हूँ ।
कॉइन शो में इतिहास बताता हूँ ,
फ्लावर शो से हवा को मह्काता हूँ ,
डॉग शो में वफादारी का पाठ पढ़ाता हूँ,
विंटेज कारों का जलवा दिखाता हूँ,
संवाद मेले में जनजातीय सभ्यता से हो रुबरु,
शहर और गांव की दूरी को मिटाता हूँ।
संसद के गलियारों में मैं खूब जाना जाता हूँ,
बनकर गोपेश्वर मजदूरों की बात उठाता हूँ ,
कभी शैलेंद्र -आभा, कभी सुनील – सुमन,
पति पत्नी दोनों को दिल्ली की गलियां घुमा लाता हूँ ,
कभी अर्जुन बनकर कमल खिलाता हूँ।
कृष्ण बने नीतीश ने भी ढूंढी राह यहीं ,
पानी सींचते बादलों में यहां विद्युत चमक रही,
मैं रघुवर हूँ , मुख्यमंत्री बनकर राज्य चलाता हूँ,
मैं बन्ना हूँ , गरीब वंचितों की आवाज बन जाता हूँ,
राज्य – नीति मुझको स्वीकार है, राज- नीति की यहां हार है।
नसरवान जी का शहर हूँ मैं
मैं जमशेदपुर हूँ ।
युवाओं के मिर्जापुर वाली बीना त्रिपाठी मैं ही तो हूँ ,
सोनचिड़ियां का अवॉर्ड विनर लेखक अभिषेक चौबे हूँ मैं ,
हां मैं आर माधवन हूँ , मैं इम्तियाज अली हूँ ,
प्रिंयका चोपड़ा, दत्ता तनुश्री और इशिता मुझको हंसाती हैं ,
वहीं प्रत्युषा बनर्जी की मौत मुझे बहुत रुलाती है।
डांस दीवाने कलर्स का विनर विशाल सोनकर मैं ही तो हूँ,
केबीसी में करोड़पति बनने वाली अनामिका मजूमदार हूँ मैं,
जो जीता वही सुपर स्टार वाला राजदीप चटर्जी हूँ मैं,
‘दिल लेना दिल देना, ज़रूरी नहीं है,
इन बातों के सिवा, भी बातें कई हैं ‘ – शिल्पा राव हूँ मैं।
विख्यात पुस्तक माई फैमिली एंड अदर एनिमल्स के लेखक,
जर्सी चिड़ियाघर के संस्थापक गेराल्ड मैल्कम ड्यूरेल
का जन्मदाता मैं ही तो हूँ।
मैं लक्खा सिंह बनकर बाबा के भजन गाता हूँ ,
मैं प्रेम हूँ, मैं अनुभव हूँ, मैं श्रद्धा हूँ ।
जनजातीय दीपों से मैं दीपमालिका सजाता हूँ,
बनकर संदीप मैं ही कलम चलाता हूँ,
नसरवान जी का शहर हूँ मैं
मैं जमशेदपुर हूँ।