Dharmendra Kumar
Jamshedpur: लौहनगरी में लोगों के सीने में मोम सा दिल भी धड़कता है, इस बात को प्रमाणित किया है जमशेदपुर की लेखिका कुमारी छाया ने. विपरीत परिस्थितियों में उन्होंने अपनी जिंदगी के अनुभवों को शब्दों को पिरोना जारी रखा. शनिवार को उनकी कविताओ का संग्रह “मेरी उम्मीद की ओर” का विमोचन जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय द्वारा किया गया. इस मौके पर लेखिका कुमारी छाया ने कहा कि यह मेरी दूसरी पुस्तक है. मेरी पहली पुस्तक “एक प्याली चाय” 2021 में प्रकाशित हुई थी. उन्होंने कहा कि मेरा यह काव्य संग्रह जिंदगी में तमाम झंझावतों के बीच जीने की उम्मीद पर आधारित है.
उम्मीद का दामन नहीं छोड़ना चाहिए
विधायक सरयू राय ने कहा कि जिस प्रकार कांटों के बीच फूल खिलते हैं उसी प्रकार जीवन में संकटों के बीच अच्छे पल भी आते है. हमें प्रकृति से सीख लेने की जरूरत है. जिस प्रकार पतझड़ के बाद बाहर आती है उसी प्रकार जीवन में भी सुख और दुख का आना जाना लगा रहता है. हमें उम्मीद का दामन नहीं छोड़ना चाहिए. उन्होंने लेखिका को उनकी इस दूसरी पुस्तक के लिये शुभकामनाएं दी. इस अवसर पर राकेश रंजन, वरिष्ठ पत्रकार आनंद कुमार, अंशुमन भगत सहित कई पत्रकार व बुदि्धजीवी उपस्थित थे.
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