Jamshedpur (Sunil Pandey) : जिस तरह देश में 25 जून 1975 को इंदिरा गांधी ने आपातकाल लागू किया था. ठीक उसी तरह झारखंड में शिबू सोरेन व हेमंत सोरेन के द्वारा आदिवासियों के लिए इमरजेंसी लागू किया. दोनों आदिवासी हितों की तिलांजलि देकर आदिवासियों की परंपरा, सभ्यता व संस्कृति को गिरवी रखने का काम कर रहे हैं. उक्त बातें पूर्व सांसद सह आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कही. उन्होंने कहा कि जिस तरह अपने नीजी निजी हितों के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी की घोषणा की. ठीक उसी प्रकार हेमंत सोरेन सरकार ने आदिवासी हितों से जुड़े मामले में अपनी मनमर्जी कर रहे हैं. आदिवासियों के पारंपरिक धार्मिक स्थल पारसनाथ पहाड़ जैनियों के हाथो गिरवी रख दिया है. उन्हें आदिवासी हितों की तनिक भी चिंता नहीं है. बल्कि उनका अस्तित्व मिटाने के लिए कुर्मी को आदिवासी का दर्जा देने को उतावले हैं. जो आने वाले समय में आदिवासियों के लिए फांसी का फंदा के समान होगा.
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मांझी परगना महाल झामुमो की बी टीम
पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने कहा कि मांझी, परगना, महाल, असेका, हूल बैसी आदि आदिवासी गावों में झामुमो की बी टीम के रूप में कार्य कर रहे हैं. गांव में नशापान, अंधविश्वास, डायन प्रथा, ईर्ष्या द्वेष, आदिवासी महिला विरोधी मानसिकता आदि को बढ़ावा दिया जा रहा है. जिसके कारण ग्रामीण अपना बहुमूल्य वोट को हंडिया दारु, चखना एवं रूपयों में बेंच रहे हैं. झामुमो इसको बढ़ावा देकर गांव-समाज को बर्बाद करने पर तुला है. जो जनतंत्र, संविधान, कानून, मानव अधिकार आदि नहीं मानते हुए निर्दोष आदिवासियों को डंडोम (जुर्माना), बारोन (सामाजिक बहिष्कार), डान पनते (डायन प्रताड़ना) आदि के अन्यायपूर्ण और हिंसक कार्यों में फंसा कर रखते हैं. उन्होंने जागरूक लोगों से ऐसे लोगों की इमरजेंसी से सीधे-साधे आदिवासियों को बचाने की अपील की.
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30 जून को कोलकाता रैली में शामिल होने की अपील
उन्होंने लोगों से कहा कि सेंगेल द्वारा आहूत विश्व सरना धर्म कोड जनसभा, 30 जून कोलकाता चलो, की तैयारी पूरी है. कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में दिन के 1:00 बजे तक हजारों आदिवासी पारंपरिक वेशभूषा एवं हथियार तीर धनुष, गाजा बाजा के साथ शामिल होंगे. उक्त धर्म कोड सभा में अदिवासियों के सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक गुलामी से आजादी की जनक्रांति का शंखनाद किया जाएगा. करो या मरो की तर्ज पर 2023 में सरना धर्म कोड की मान्यता आंदोलन को सफल बनाया जाएगा. उन्होंने मणिपुर हिंसा रोकने की दिशा में जरूरी कदम उठाने की अपीलक . जिससे हिंसा की आग अन्य राज्यों में नहीं फैले. सेंगेल कोर कमेटी की विशेष बैठक में सोनाराम सोरेन, बिमो मुर्मू, सुमित्रा मुर्मू ,बिरसा मुर्मू, तिलका मुर्मू एवं ज़ूम मीटिंग के माध्यम से 5 प्रदेशों के नेतागण शामिल हुए.
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