Jamshedpur (Anand Mishra) : अब झारखंड के स्टार्ट-अप्स भी देश के विभिन्न हिस्सों में अपना परचम लहराने लगे हैं. इसका उदाहरण हैं जमशेदपुर के दो छात्रों के स्टार्ट-अप्स, जिनका का चयन 4 एवं 5 अक्तूबर को पटना में होने वाले बिहार इनोवेशन चैलेंज के फाइनल के लिए हुआ है. बिहार इनोवेशन चैलेंज बिहार सरकार के उद्योग विभाग द्वारा बनया गया स्टार्ट-अप बिहार के बैनर तले होने वाला एक बड़ा कार्यक्रम है. पूरे भारत से केवल 25 स्टार्ट-अप का चयन महाविद्यालय श्रेणी में हुआ है और पूरे झारखंड से केवल ये दो स्टार्ट-अप होंगे. ये दोनों ही स्टार्ट-अप नवाचार रिसर्च इन्क्यूबेशन एंड इनोवेशन काउंसिल द्वारा इंक्यूंबेट किये गए हैं.
इसे भी पढ़ें : झारखंड कैडर के आईपीएस के विजय शंकर विरमित, केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गये
पहला स्टार्ट-अप अलाईव है, जिसके संस्थापक जमशेदपुर टेल्को निवासी राजीव शर्मा हैं. राजीव शर्मा वर्तमान में नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ डिजाईन स्नातक के अंतिम वर्ष के छात्र हैं. इनका स्टार्ट-अप एक स्मार्ट रूम फ्रेशनर बनाता है जो पूरा इको-फ्रेंडली है. बाजार में बिकने वाले रूम फ्रेशनर्स में ऐसे रसायन मिले होते हैं जो आदमी के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं. इस रूम फ्रेशनर की वजह से बचपन में राजीव एक बीमारी के शिकार हो गए थे, तब इन्होंने इस स्मार्ट रूम फ्रेशनर के बारे में सोचा और बनाया. यह रूम फ्रेशनर शहर के कई रेस्तरां और होटलों में भी लगा हुआ है.
इसे भी पढ़ें : भाजपा ने विरोधी दलों के INDIA गठबंधन की समन्वय समिति को हिंदू विरोधी समन्वय समिति कहा
दूसरा स्टार्ट-अप क्लोरोफिल है, जिसके संस्थापक जमशेदपुर के सिदगोड़ा निवासी आदित्य सिन्हा हैं. वह भुवनेश्वर स्थित सीवी रमन ग्लोबल यूनिवर्सिटी में तृतीय वर्ष के छात्र हैं. इनका स्टार्ट-अप उपहार के तौर पर लोगों को वृक्षारोपण से जोड़ने का है. जैसे आप अपने किसी खास के जन्मदिन या अन्य किसी अवसर पर इस कंपनी को पैसे देकर उनके नाम से पौधे लगवा सकते हैं और ऐप्प के माध्यम से आप उस पौधे को बढ़ता हुआ और उसके प्रकार को देख सकते हैं. पूरे विश्व में पेड़ कटने और लगने के अनुपात में एक बड़ा अंतर है. हर वर्ष करीब 15.9 अरब वृक्ष कटते हैं और केवल 1.9 अरब वृक्ष ही लगते हैं. इस अनुपात को कम करने की सोच से क्लोरोफिल की स्थापना की गई है.
इसे भी पढ़ें : घाटशिला : जिप सदस्य देव्यानी मुर्मू ने दो टीवी मरीज को लिया गोद
प्राइवेट इन्क्यूबेशन सेंटर नवाचार के अमर नाथ सिंह ने बताया कि इन स्टार्ट-अप के अलावा 11 और ऐसे स्टार्ट-अप्स हैं जिन्होंने नवाचार के साथ इंक्यूंबेट होने के लिए पूरे देश भर से आवेदन किया था. नवाचार इन सभी स्टार्ट-अप्स को हर तरह के सहयोग प्रदान कर रहा है. इसमें, विपणन, वित्तीय सहयोग, कानूनी सहयोग, निधि सहयोग एवं पूरे देश में बाजार भी उपलब्ध करवा रहा है. नवाचार झारखंड का पहला प्राइवेट इन्क्यूबेशन सेंटर है. आने वाले समय में झारखंड से विश्वस्तरीय स्टार्ट-अप्स निकलेंगे और पूरी दुनिया में झारखण्ड और भारत का नाम रोशन करेंगे.