Jamshedpur (Sunil Pandey) : बरसात के मौसम में सामान्य से लेकर गंभीर बीमारियों का खतरा बना रहता है. खासकर गंदगी, जल जमाव एवं मच्छरों के काटने से लोगों का स्वास्थ्य ज्यादा प्रभावित होता है. झारखंड में मानसून का प्रवेश हो गया है. कहीं-कहीं वर्षा भी हो रही है. लेकिन अब तक स्वास्थ्य विभाग की ओर से बरसात में होने वाली बीमारियों एवं बचाव को लेकर कोई एडवाइजरी जारी नहीं की गई है. जिले के सिविल सर्जन डॉ. जुझार मांझी ने भी माना कि अब तक स्वास्थ्य विभाग की ओर से किसी तरह की एडवाइजरी नहीं आयी है. हालांकि अपने स्तर से वे मानसून को लेकर तैयारियां प्रारंभ कर चुके हैं. जिले के स्वास्थ्य केंद्रों में जरूरी दवाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं. एएसबी (एंटी स्नैक बाइट) वेनम तथा कुआं के पानी की सफाई में इस्तेमाल होने वाले ब्लीचिंग पावडर का स्टॉक खत्म है. जिसे मंगाने के लिए ऑर्डर भेज दिया गया है. अभी जमशेदपुर में बरसात शुरू होने में समय है तब तक विभाग सारी तैयारियां कर लेगा.
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सरजामदा व घाटशिला के ‘आम’ का विजिट
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जिले के स्वास्थ्य केंद्रों में नागरिकों को उपलब्ध कराई जा रही स्वास्थ्य सेवाओं की जांच करने के लिए भारत सरकार की संस्था नेशनल हेल्थ सिस्टम रिसोर्स सेंटर की टीम शहर पहुंची. उक्त टीम ने जिले के सरजामदा एवं घाटशिला स्थित आयुष्मान आरोग्य मंदिर (आम) का विजिट किया. टीम एक माह बाद अपनी रिपोर्ट देगी. जिसे एनक्यूएएस प्रमाण पत्र कहा जाता है. सिविल सर्जन को भरोसा है कि केंद्रीय टीम की रिपोर्ट में दोनों आयुष्मान आरोग्य मंदिर पास हो जाएंगे.]
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बरसात में होने वाली बीमारियां
स्किन एलर्जी, डेंगू फीवर, मलेरिया, डायरिया, फ्लू इन्फेक्शन, गैस्ट्रोएंट्राइटिस, टाइफाइड, हेपेटाइटिस ए और ई,डेंगू, चिकनगुनिया इत्यादि
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एमजीएम में सात दवाओं का स्टॉक खत्म
विभिन्न बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली सात जरूरी दवाओं का स्टॉक एमजीएम अस्पताल में खत्म हो गया है. जिसमें दर्द एवं बुखार की एसिक्लोफेनिक एवं पीसीएम (पारासिटामोल), सेफिक्जीम, विटामीन बी कॉम्प्लेक्स, ड्रोटावेराइन, ओम्पेराजोल, एटोरवेस्टालिन, मल्टीविटामिन (शिरप) शामिल हैं. जबकि अन्य दवाओं का स्टॉक पर्याप्त है. अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. नकुल चौधरी ने बताया खत्म हो चुकी दवाओं की आपूर्ति के लिए ऑर्डर भेजा गया है.
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मलेरिया का मास सर्वे शुरू
जिले में मलेरिया का प्रकोप कम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से मलेरिया का मास सर्वे (फीवर) शुरू कर दिया गया है. विभाग अभी अनुसूचित जनजाति खासकर सबर-बिरहोर बहुल क्षेत्रों में कैंप लगाकर सर्वे कर रही है. जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ. ए मित्रा ने बताया कि इस कार्य में एनपीडब्ल्यू, एएनएम, सहिया को लगाया गया है. इस दौरान चिन्हित लोगों को दवा दी जा रही है, साथ ही उनकी नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है. जिनमें खून की कमी पायी जा रही है, उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी जा रही है. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे मलेरिया के जनक मच्छर को पनपने नहीं दें. जहां भी जल जमाव है उसे मिट्टी से भर दें. बरसात आने के बाद भी सर्वे निरंतर जारी रहेगा.