Jamshedpur (Sunil Pandey) : विधायक सरयू राय ने कहा कि सूर्य मंदिर समिति सिदगोड़ा के अध्यक्ष और संरक्षक क्रमशः भूपेन्द्र सिंह एवं चंद्रगुप्त सिंह अपनी सीमा एवं मर्यादा में रहें. सूर्य मंदिर एवं शंख मैदान को लेकर अफवाह फैलाना बंद करें. साथ ही सोशल मीडिया के माध्यम से अमर्यादित व ओछी हरकतों पर लगाम लगाएं. अन्यथा जिस तरह बिगड़ैल सांड को नाथना पड़ता है, उसी तरह सीमा एवं मर्यादा लांघने वालों को ‘नाथना’ उन्हें आता है. श्री राय बुधवार को अपने बिष्टुपुर स्थित आवास पर मीडियाकर्मियों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि सूर्य मंदिर समिति अब जेल में बंद अपराधियों के इशारा और समर्थन पर चलने लगी है. भारतीय जनतंत्र युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष अमित शर्मा को जेल से मिली धमकी इसका प्रमाण है.
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जनता को दिग्भ्रमित करना ठीक नहीं है
सूर्य मंदिर व शंख मैदान को लेकर फैलाये जा रहे अफवाहों के संबंध में उन्होंने कहा कि दोनों परिसर अलग-अलग हैं. जहां जीर्णोद्धार का काम काफी दिनों से चल रहा है. जिसमें उपरोक्त लोगों द्वारा चौथी बार बाधा डाली गई है. वहां हो रहा काम मेरा निजी नहीं है, बल्कि सरकारी निधि से सरकार का काम हो रहा है. ऐसे में अफवाह फैलाकर जनता को दिग्भ्रमित करना ठीक नहीं है. दोनों के बीच बाउंड्रीवाल (चहारदीवारी) का निर्माण 3 दिसंबर, 2022 और 10 मार्च, 2022 के बीच तत्कालीन सांसद महेश पोद्दार की सांसद निधि से 13,15,955 रुपये की लागत से किया गया. इसके लिए महेश पोद्दार ने 7 फरवरी, 2020 को अनुशंसा की जिसकी प्रति पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के निजी सहायक अंजन सरकार को भी प्रेषित है. इस बाउंड्रीवाल को सूर्य मंदिर समिति के लोगों ने 12 अप्रैल, 2024 को तोड़ दिया है. जिसके विरुद्ध जमशेदपुर अक्षेस ने सिदगोड़ा थाना में 14 अप्रैल, 2024 को प्राथमिकी दर्ज कराई है.
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भूपेन्द्र सिंह और चन्द्रगुप्त सिंह फैला रहे हैं अफवाह
विधायक श्री राय ने कहा कि लाखों रुपये की लागत से बाउंड्री वाल को तोड़कर शंख मैदान को सूर्य मंदिर का हिस्सा बताया जा रहा है, जबकि ऐसा नहीं है. उन्होंने अपनी विधायक निधि से शंख मैदान का सौंदर्यीकरण कराने, मैदान में पार्क के चारों ओर बैठने के लिए बेंच लगाने और शंख को उचित स्थान पर रखने तथा श्रीमद्भागवत गीता में वर्णित छह शंखों को मैदान के किनारे लगाने के लिए अनुशंसा जिला प्रशासन के पास भेजी थी. जिसे उप विकास आयुक्त ने स्वीकृति प्रदान करते हुए अगस्त, 2023 को राशि विमुक्त कर दिया. तबसे इसका निर्माण सूर्य मंदिर समिति के अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह और संरक्षक चन्द्रगुप्त सिंह नहीं होने दे रहे हैं. उन्होंने जनता में अफवाह फैलाया कि मैं शंख मैदान में बास्केटबॉल और कबड्डी का कोर्ट बनाकर धार्मिक आस्था पर प्रहार कर रहा हूं. इसके लिए गत 24 जून से एक धार्मिक अनुष्ठान आयोजित कर शंख मैदान के सौंदर्यीकरण का काम रुकवा दिया. इसके पहले जब भी जमशेदपुर अक्षेस के कर्मी काम करने गए तो इन्होंने उन्हें भगा दिया. जबकि पूरा शंख मैदान विधायक निधि और अन्य सरकारी निधियों से बना हुआ है. वस्तुस्थिति यह है कि ये लोग इस मैदान और चिल्ड्रेन पार्क के व्यावसायिक लाभ ले रहे थे. प्रवेश करने वालों से 5 रुपये की अवैध वसूले कर रहे थे, जिसे मैंने बंद करवा दिया.
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शंख मैदान की संरचनाएं सरकारी निधि से निर्मित
विधायक सरयू राय ने कहा कि तत्कालीन उपायुक्त सूरज कुमार के निर्देश पर 7 अधिकारियों की टीम ने जांच की और पाया कि शंख मैदान एवं अन्य संरचनाएं सरकारी जमीन और सरकारी निधि से बनी हुई हैं. करोड़ों रुपये की इस सरकारी परिसंपत्ति पर सूर्य मंदिर समिति जबरन कब्जा करना चाहती है. इसी कारण से यहां की पूर्व उपायुक्त विजया जाधव ने सूर्य मंदिर समिति का रजिस्ट्रेशन रद करने के लिए आईजी रजिस्ट्रेशन को लिखा है और आईजी रजिस्ट्रेशन ने सूर्य मंदिर समिति से स्पष्टीकरण मांगा है. लेकिन अभी तक उसका जवाब नहीं दिया गया.
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जिला प्रशासन पर फोड़ा विफलता का ठीकरा
विधायक ने कहा कि सूर्य मंदिर परिसर में कई योजनाएं सरकारी राशि से बनी है. इसकी जानकारी प्रशासन की ओर से विधान सभा में, विधानसभा समितियों के सामने तथा राज्य सरकार से हुए पत्रचारों में दी गई है. उनके कार्यकाल से पहले वहां 52 योजनाएं सरकारी फंड से क्रियान्वित हुई हैं. जिसमें प्रशासन ने स्वीकार किया है कि सूर्य मंदिर के सामने वाला भूखंड सरकारी है. इनपर खड़ी संरचनाएं सरकारी निधि से बनी हैं, इन्हें जमशेदुपर अक्षेस को हस्तगत करा दिया गया है और जमशेदपुर अक्षेस ने इन्हें हस्तगत करना स्वीकार कर लिया है. परंतु 24 जून को उस स्थान पर हुई घटना साबित कर रही है कि इनका मनचाहा उपयोग सूर्य मंदिर समिति कर रही है. इतना ही नहीं जिला प्रशासन जानता है कि शंख मैदान में विधायक सरयू राय ने अपनी विधायक निधि से क्या क्या विकास कार्य करने की अनुशंसा की है. परंतु जब सूर्य मंदिर समिति के भूपेन्द्र सिंह और चन्द्रगुप्त सिंह आदि अफवाह फैला रहे हैं तो इसका खंडन और वस्तुस्थिति से अवगत कराने की कोशिश जिला प्रशासन को करनी चाहिए थी, जो उन्होंने नहीं की. प्रशासन ने न तो योजनाओं का क्रियान्वयन करने के लिए ही समुचित कार्रवाई किया और न ही इसके क्रियान्वयन में बाधा डालने वालों पर विधि सम्मत कारवाई ही की.
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रील व वीडियो बनाकर खोलेंगे पोल
सरयू राय ने कहा कि सूर्य मंदिर समिति व अन्य लोगों द्वारा उनके संबंध में अनर्गल बयानबाजी, उनकी छवि धूमिल करने तथा सूर्य मंदिर व शंख मैदान के संबंध में अफवाह फैलायी जा रही है. जबकि सच्चाई यह है कि वहां निर्मित कई संचरनाओं एवं उपस्करों का निजी व व्यावसायिक उपयोग हो रहा था. ऐसे लोग अगर नहीं चेतेंगे तो वे रील व वीडियो बनाकर ऐसे लोगों की पोल खोलेंगे. सूर्य मंदिर समिति के एक पदाधिकारी द्वारा जमानत जब्त होने जैसा बयान देने पर विधायक ने कहा कि अभी तक उन्होंने चुनाव लड़ने के संबंध में स्पष्ट घोषणा नहीं की है. लेकिन अगर मेरी जमानत जब्त करवाने की बात है तो बयान देने वाले चुनाव लड़ने का ऐलान करें वह तैयार हैं.
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व्यावसायिक उपयोग का आरोप गलत- चंद्रगुप्त सिंह
सूर्य मंदिर समिति के संरक्षक चंद्रगुप्त ने कहा कहा कि शंख मैदान सूर्य मंदिर परिसर का हिस्सा है. वहां धार्मिक अनुष्ठान निरंतर होते रहता है. चाहे वह छठ पर्व हो या अन्य आयोजन. उक्त मैदान की संरचना को बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है. वहीं परिसर के व्यावसायिक उपयोग पर कहा कि विधायक का आरोप सरासर गलत है. वह खुद वहां की बनी संरचनाओं को हटवाकर सरकारी राशि का दुरूपयोग कर रहे हैं. सरयू राय की जमानत जब्त करवाने की बात पर अडिग रहते हुए चंद्रगुप्त सिंह ने कहा कि इस बार वे चुनाव लड़कर तो देंखे, उन्हें मुंह की खानी पड़ेगी.
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